लोग कहते हैं कि मैं डीरेल हो गया हूं और मेरा दिमाग खराब हो गया है : नीतीश कुमार

लोग कहते हैं कि मैं डीरेल हो गया हूं और मेरा दिमाग खराब हो गया है : नीतीश कुमार

नीतीश कुमार का फाइल फोटो

खास बातें

  • बिहार के मुख्‍यमंत्री ने शराबबंदी पर अपनी आलोचनाओं की चर्चा की
  • कहा- शुरुआत में हर अच्‍छे काम का मजाक उड़ाया जाता है
  • बाद में लोग उसे स्‍वीकार कर लेते हैं
पटना:

रविवार को पटना में गायत्री परिवार के एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने राज्य में शराबबंदी से संबंधित अपने बारे में आलोचना के बिंदु की खुद चर्चा की. उन्‍होंने कहा कि लोगों का कहना है कि पहले अच्छा विकास का काम कर रहे थे, लेकिन अब दिमाग खराब हो गया है और आजकल तरह-तरह की बातें होती हैं.

हालांकि साथ में नीतीश कुमार ने यह भी जोड़ा कि उनकी और आलोचना होगी क्योंकि हर अच्‍छे काम का मजाक शुरू में लोग करते हैं लेकिन बाद में लोग उसे स्वीकार कर लेते हैं.

नीतीश ने कहा कि लोग आलोचनाओं, विरोध के दौर के बाद राज्य में शराबबंदी के कारण समाज में हो रहे सही प्रभाव को स्वीकार करेंगे. लेकिन रविवार के भाषण से साफ है कि इस मुद्दे पर नीतीश अपनी हर आलोचनाओं से वाक़िफ़ हैं.

हालांकि अपने गृह जिले नालंदा में पार्टी नेता की गिरफ़्तारी के बाद उत्पाद विभाग के अधिकारी की गिरफ्तारी और इस मुद्दे पर उनकी हो रही आलोचनाओं पर वो कुछ नहीं बोले.

विपक्षी भाजपा का आरोप है कि अपनी पार्टी के नेता को बचाने के लिए नीतीश सरकार ने स्थानीय ज़िला प्रशासन पर दबाब डाल के उत्पाद विभाग के अधिकारी की  गिरफ्तारी और मनमाफिक रिपोर्ट तो तैयार करा ली लेकिन आने वाले दिनों में इसका प्रतिकूल असर उत्पाद विभाग के अधिकारियों के मनोबल पर पड़ेगा.

हालांकि नीतीश ने फिर दावा किया कि उनके आलोचक एक बार राज्य के ग्रामीण इलाकों का दौरा करें तो शायद इनको शराबबंदी के बाद लोगों के जनजीवन पर जो अच्छा असर हुआ है, उसके एक नहीं कई उदाहरण मिल जाएंगे.

लेकिन नीतीश के रुख से साफ है कि फिलहाल इस मुद्दे पर वो आलोचनाओं की परवाह नहीं करने वाले. हालांकि आने वाले दिनों में सबको इस बात का इंतजार होगा कि पटना हाई कोर्ट इस मुद्दे पर सुनवाई के बाद सुरक्षित फ़ैसले पर क्या निर्णय सुनाता है और राज्यपाल, बिहार विधानमंडल से पारित बिहार उत्पाद बिल पर क्या करते हैं.


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