गाय के प्रति आस्था रखने वाले लोग हिंसा का मार्ग नहीं अपनाते : मोहन भागवत

भागवत ने केशव विद्यापीठ जामडोली में चल रहे संघ के खंड कार्यवाह अभ्यास वर्ग में एक स्वयंसेवक द्वारा पूछे गए प्रश्न का दिया जवाब

गाय के प्रति आस्था रखने वाले लोग हिंसा का मार्ग नहीं अपनाते : मोहन भागवत

मोहन भागवत ने कहा है कि जो लोग गाय के प्रति आस्था रखते हैं, वे हिंसा का मार्ग नहीं अपनाते हैं.

खास बातें

  • कहा- गाय हमारे लिए आर्थिक रूप से भी लाभकारी
  • स्वदेशी अपनाने से देश के बेराजगारों को रोजगार मिलता है
  • मन में स्वदेश के गौरव का भाव प्रकट होना चाहिए
जयपुर:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने कहा है कि जो लोग गाय के प्रति आस्था रखते हैं, वे गाय का पालन करते हैं. उनकी बहुत गहरी आस्था को चोट लगने के बावजूद वे हिंसा का मार्ग नहीं अपनाते हैं.

भागवत ने रविवार को केशव विद्यापीठ जामडोली में चल रहे संघ के खंड कार्यवाह अभ्यास वर्ग में एक स्वयंसेवक द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में यह बात कही. उन्होंने कहा कि गौ का संवर्धन हो, क्योंकि गाय हमारे लिए आर्थिक रूप से भी लाभकारी है. उन्होंने चीनी सामान का बहिष्कार व स्वदेशी के संबंध में प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि अपने आसपास जो भी गृह उद्योग, कुटीर उद्योग, लघु उद्योग से वस्तुएं बनती हैं, उनको उपयोग में लाना, यह स्वदेशी का मूल मंत्र है.

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भागवत ने कहा कि स्वदेशी से देश के बेराजगारों को रोजगार मिलता है. स्वदेशी केवल वस्तुओं तक नहीं अपितु मन में स्वदेश के गौरव का भाव प्रकट होना चाहिए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वाभिमान को आर्थिक दृष्टि से भी स्वावलंबी होना आवश्यक है. राष्ट्र को आर्थिक दृष्टि से स्वावलंबी करने का अर्थ स्वदेशी वस्तुओं तक सीमित नहीं है. स्वदेशी का भाव अपने जीवन में भारतीयता के आचरण से प्रकट हो.

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संघ प्रमुख भागवत जयपुर के छह दिन के प्रवास पर आए हुए हैं.
(इनपुट भाषा से)


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