राजनीतिक दलों को RTI के दायरे में लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर कर राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के दायरे में लाने की मांग की गई है.

राजनीतिक दलों को RTI के दायरे में लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर कर राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के दायरे में लाने की मांग की गई है. यह याचिका राजनीतिक दलों को जवाबदेह बनाने और चुनावों में काले धन के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से दायर की गई है.

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दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता और वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में केंद्र को भ्रष्टाचार के खतरे से निपटने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने की भी मांग की गई है. याचिका में कहा गया, 'जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा के तहत पंजीकृत राजनीतिक दलों को RTI अधिनियम, 2005 की धारा 2(एच) के तहत एक 'लोक प्राधिकार' घोषित किया जाए. इससे उन्हें लोगों के लिए पारदर्शक और जवाबदेह बनाया जा सके और चुनावों में कालेधन के इस्तेमाल पर अंकुश लगाया जा सके.' 

VIDEO: सूचना के अधिकार से डरे राजनीतिक दल
जनहित याचिका में निर्वाचन आयोग से RTI अधिनियम और राजनीतिक दलों से जुड़े अन्य कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करवाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई. याचिका में यह भी मांग की गयी है कि अगर वे इनका पालन करने में विफल रहते हैं तो उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाए. 


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