खास बातें
- वायुसेना की मिसाइल का गलती से शिकार बने एमआई17 वी5 हेलीकॉप्टरों के पायलट
- स्क्वाड्रन लीडर निनाद मांडवगणे और सिद्धार्थ वशिष्ठ को मिला सम्मान
- कमांड एवं नियंत्रण की असफलता की वजह से 27 फरवरी की सुबह हुआ था हादसा
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना की मिसाइल का गलती से शिकार बने एमआई17 वी5 हेलीकॉप्टरों के पायलटों स्क्वाड्रन लीडर निनाद मांडवगणे और स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ को मरणोपरांत वायुसेना पदक (वीरता) पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है. अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि हेलीकॉप्टर के चालक दल के चार सदस्यों फ्लाइट इंजीनियर विशाल कुमार पांडे, सार्जेंट विक्रांत सहरावत, कॉर्पोरल दीपक पांडे एवं पंकज कुमार को भी मरणोपरांत ‘मेंशन इंन डिस्पैचेज' से सम्मानित किया गया है.
कमांड एवं नियंत्रण की असफलता की वजह से 27 फरवरी की सुबह कश्मीर के बडगाम में भारतीय वायुसेना की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल ने एमआई17 विमान को मार गिराया था. यह घटना उस समय हुई थी जब पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर भारतीय वायुसेना के हमले के एक दिन बाद नौशेरा में भारतीय एवं पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों में संघर्ष चल रहा था. राष्ट्रपति ने वायुसेना के उपप्रमुख एयर मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा समेत छह शीर्ष वायुसेना अधिकारियों को परम विशिष्ट सेना पदक दिए जाने की मंजूरी दी.
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बता दें, निनाद मांडवगणे और सिद्धार्थ वशिष्ठ के अलावा विंग कमांडर दलेर सिंह बिलिन, विंग कमांडर राजेश अग्रवाल को भी वायु सेना (वीरता) पदक से सम्मानित किया गया है. राष्ट्रपति ने भारतीय वायुसेना के नौ वरिष्ठ अधिकारियों को अति विशिष्ट सेवा पदक और 29 अधिकारियों को वायु सेना पदक प्रदान किए जाने को भी मंजूरी दी.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)