हर महीने 50 लाख पीपीई किट सूट निर्यात किए जाएंगे.
खास बातें
- PPE किट के निर्यात में मिली आंशिक छूट
- किट के 50 लाख सूट हर महीने किए जाएंगे एक्सपोर्ट
- बाकी चीजों पर रहेगी पाबंदी
नई दिल्ली: भारत अब हर महीने 50 लाख PPE किट सूट (Personal Protection Kit) का निर्यात करेगा. सरकार पीपीई किट के निर्यात नियमों में आंशिक रूप से ढील दी है. सोमवार को वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि इससे सरकार के 'मेक इन इंडिया' मूव को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने फेसबुक पर भी एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, 'मेक इन इंडिया के तहत निर्यात को बढ़ाते हुए, कोविड-19 के लिए पीपीई किट मेडिकल कवरऑल्स की 50 लाख यूनिट अब हर महीने एक्सपोर्ट करने की अनुमति मिल गई है.' बता दें कि पीपीई किट कोविड-19 संक्रमित लोगों के इलाज में लगे चिकित्साकर्मियों द्वारा पहनी जाती है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. इस किट में कवरऑल सूट के अलावा गॉगल्स, फेस शील्ड, मास्क, गल्व्स, हेड कवर और शूज़ कवर होता है. हालांकि, किट के कवरऑल ही निर्यात किए जाएंगे, किट की बाकी की चीजों पर प्रतिबंध लगा रहेगा.
बता दें कि इस उत्पाद के निर्यात पर अब तक पूरी तरह से रोक थी, लेकिन अब इसे निर्यात की प्रतिबंधित सूची में डाला गया है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (Union Minister of Commerce and Industry) ने एक नॉटिफिकेशन जारी कर कहा है, ‘कोविड-19 इकाइयों के लिए 50 लाख पीपीई किट मेडिकल कवरऑल का निर्यात कोटा तय किया गया है. पीपीई किट निर्यात करने वाली पात्र इकाइयों के लिए निर्यात लाइसेंस जारी करने के लिए यह कोटा तय किया गया है. इसके पात्रता मानदंडों के वास्ते अलग से ट्रेड जारी किया जाएगा,' इस नॉटिफिकेशन में यह भी कहा गया है कि पीपीई किट से जुड़े अन्य हिस्से निषेध सूची में बने रहेंगे.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने के लिए 'आत्मनिर्भर भारत' का नारा दिया था. इसके तहत सरकार के 'मेक इन इंडिया' इनीशिएटिव को बढ़ावा दिया जा रहा है. रविवार को भी पीएम ने मन की बात कार्यक्रम में 'वोकल फॉर लोकल' नारा देकर स्थानीय और देश में बने प्रॉडक्ट्स को बढ़ावा देने पर जोर दिया था.
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