बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर ने कहा, पुलिस का काम लोगों के घरों में बम लगाना नहीं'

संवाददाता सम्मेलन में पुलिस अधिकारी

बेंगलुरु:

बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि इंडियन पुलिस का काम लोगों के घरों में बम लगाना नहीं है।

आतंकवादियों को विस्फोटक और दूसरे साज़ोसामान की आपूर्ति करने के आरोप में गिरफ्तार चार संदिग्ध आतंकियों के परिवार वालों ने आरोप लगाए थे कि जिन विस्फोटक की बरामदगी पुलिस ने उनके घर से दिखाई है, वह दरअसल पुलिस ने ही उनके लंबे अरसे से बंद घर में रखा था।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर एमएन रेड्डी ने कहा की इंडियन पुलिस का काम लोगों के घरों में बम लगाना नहीं है, बल्कि उन लोगों को पकड़ना है जो ऐसा करते हैं। जिन लोगों की अभी गिरफ्तारी की गई है, वे सभी ऐसे कामों में लिप्त हैं।

पुलिस सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में हुए तक़रीबन आधे दर्जन धमाकों में इसी मोड्यूल ने विस्फोटकों की सप्लाई की।

पुलिस का दावा है कि संदिग्धों में से एक होम्योपैथिक डॉक्टर अफ़ाक विदेश में बैठे एक ऐसे आतंकवादी के संपर्क में था, जिसे सुरक्षा एजेंसियां लगातार तलाश रही है।

पुलिस कमिश्नर एमएन रेड्डी का कहना है कि देश से बाहर बैठा यह हैंडलर लगातार अफ़ाक को निर्देश देता रहता था। इतना ही नहीं उसने हवाला के ज़रिये अफ़ाक को कई बार रकम भारत भेजी।

बेंगलुरु पुलिस मेंगलोर और भटकल से आईएम और सिमी से सांठगांठ के आरोप में गिरफ्तार चार संदिग्ध आतंकियों से कर्नाटक पुलिस के अलावा देश के तक़रीबन आधे दर्जन राज्यों की पुलिस और दूसरी जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं।

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वहीं दूसरी तरफ बेंगलुरु के चर्च स्ट्रीट में हुए धमाके के बारे में बेंगलुरु पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त अलोक कुमार का जवाब था कि धमाकों की जांच अलग ढंग से होती है और इसमें वक्त लगता है।