PM मोदी ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज और लॉकडाउन-4 की घोषणा की, पढ़ें भाषण की 10 बड़ी बातें...

कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित किया. राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया. इसके साथ-साथ उन्होंने लॉकडाउन 4.0 की भी बात की.

PM मोदी ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज और लॉकडाउन-4 की घोषणा की, पढ़ें भाषण की 10 बड़ी बातें...

राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की.

नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित किया. राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया. इसके साथ-साथ उन्होंने लॉकडाउन 4.0 की भी बात की. पीएम ने कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये का यह पैकेज 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' को नई गति देगा. उन्होंने कहा कि इसका ब्योरा अगले कुछ दिनों में जारी किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस ने भारत को आत्मनिर्भर बनने और दुनिया में आगे बढ़ने अवसर उपलब्ध कराया है. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि 18 मई से लॉकडाउन का चौथा चरण भी लागू किया जाएगा पर यह पहले के तीन चरणों से काफी अलग होगा. बता दें कि लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त होने जा रहा है. तीसरे चरण में भी कारोबारी गतिविधियों के मामले में कई तरह की रियायतें दी गई.

PM के संबोधन की 10 बड़ी बातें

  1. पीएम मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के चौथे चरण के बारे में जानकारी 18 मई से पहले दे दी जाएगी.  उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का चौथा फेज होगा, लेकिन यह पूरी तरह से नए रंग रूप वाला होगा. इसके लिए नए नियम तय किए जाएंगे ताकि बाकी कामों के साथ सामंजस्य बैठाते हुए लोग दो गज दूरी का भी पालन करें.

  2. वित्तीय पैकेज के बारे में पीएम मोदी ने कहा, 'सरकार के हाल के निर्णय, रिजर्व बैंक की घोषणाओं को मिलाकर यह पैकेज करीब 20 लाख करोड़ रुपये का होगा, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 10 प्रतिशत है. यह पैकेज भारत को आत्मनिर्भर बनाने के अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा. इससे पहले केन्द्र सरकार ने गरीबों, बुजुर्गों और किसानों के लिये 1.74 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है.

  3. प्रधानमंत्री ने कहा कि 'यह आर्थिक पैकेज हमारे श्रमिकों, किसानों, ईमानदार करदाताओं सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों और कुटीर उद्योगों के लिए होगा. पैकेज में भूमि, श्रम, नकदी और कानून सभी क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है. यह पैकेज भारतीय उद्योग जगत के लिए है, उसे बुलंदी पर पहुंचाने के के लिए है.'

  4. प्रधानमंत्री ने बड़े आर्थिक सुधारों का संकेत देते हुए कहा कि आर्थिक पैकेज के बारे में विस्तृत ब्योरा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार से अगले कुछ दिनों तक देंगी. प्रधानमंत्री ने देश को आगे बढ़ने के लिए 'साहिसक' सुधारों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'ये सुधार खेती से जुड़ी पूरी आपूर्ति श्रृंखला, कर प्रणाली को युक्तिसंगत बनाने, नियम-कानून को सरल और स्पष्ट बनाने, बुनियादी ढांचा को गति देने ओर व्यापार तथा निवेश को प्रोत्साहित करने वाले होंगे.'

  5. पीएम ने कहा कि देश का लक्ष्य आत्मनिर्भर बनना है और उन्होंने इसके लिए अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचा को महत्वूपर्ण बताया. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता पांच स्तंभों पर आधारित होगी. इसमें उन्होंने -अर्थव्यवस्था की ऊंची छलांग, बेहतर बुनियादी ढांचा, 21वीं सदी का प्रौद्योगिकी आधारित नया शासन तंत्र, गतिशील जनसांख्यकीय और अर्थव्यवस्था की मजबूत मांग एवं आपूर्ति श्रृंखला का जिक्र किया.

  6. स्थानीय उत्पादों के विनिर्माण को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए उन्होंने लोगों से 'लोकल पर वोकल बनने' यानी स्थानीय उत्पादों को महत्व देने और उनकी मांग बढ़ाने के साथ ही उनका प्रचार करने पर भी जोर दिया.

  7. पीएम मोदी ने कहा, 'एक वायरस ने पूरी दुनिया को तहस नहस कर दिया है. सारी दुनिया जिदंगी बचाने की जंग में जुटी है. 'यह मानव जाति के लिये अकल्पनीय है, लेकिन थकना, हारना, टूटना, बिखरना मनुष्य को मंजूर नहीं. हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है. हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है. यह आपदा भारत के लिए एक संदेश, एक अवसर भी है. 21वीं सदी को भारत की सदी बनाना है.'

  8. उन्होंने कहा कि भारत की संस्क्ति, भारत की आत्मा वसुधैव कुटुम्बकम की रही है. भारत का चिंतन जीवमात्र का कल्याण रहा है. यह पूरे विश्व को परिवार मानता है. भारत भूमि जब आत्मनिर्भर होती है तो पूरे विश्व पर इसका प्रभाव होता है. भारत की दवाइयां दुनिया में नई आशा लेकर पहुंचती हैं. इसको लेकर भारत की भूरि भूरि प्रशंसा होती है तो भारतीयों को गर्व होता है. दुनिया मानती है भारत कुछ अच्छा कर सकता है.

  9. प्रधानमंत्री का यह संबोधन विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सोमवार को करीब छह घंटे चली बैठक के एक दिन बाद हुआ है. मुख्यमंत्रियों के साथ यह बैठक 17 मई के बाद 54 दिन का लॉकडाउन समाप्त होने के बाद आगे की स्थिति को लेकर हुई.

  10. हाल के दिनों में उद्योगों, कामगारों और कई राजनीतिक नेताओं ने लॉकडाउन हटाने की मांग की है. उनका कहना है कि लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था और लोगों के एक बड़े वर्ग की जीविका पर बुरा असर पड़ रहा है.