पीएम मोदी ने की जल संरक्षण की अपील, अभियान से जुड़ने लगे हैं गैर सरकारी संगठन

प्रधानमंत्री ने पानी के संरक्षण के लिए जो पारंपरिक तौर-तरीके उपयोग में लाए जाते रहे हैं उन्‍हें भी साझा करने की अपील की.

पीएम मोदी ने की जल संरक्षण की अपील, अभियान से जुड़ने लगे हैं गैर सरकारी संगठन

जल संरक्षण के लिए पीएम मोदी ने की अपील

खास बातें

  • जल संरक्षण के लिए पीएम मोदी ने की अपील
  • लोगों को पानी की महत्ता को लेकर किया था जागरूक
  • कई गैर सरकारी संगठन भी जुड़े
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में ‘मन की बात' के पहले कार्यक्रम में लोगों से जल संरक्षण के विषय में बात की. उन्‍होंने कहा, '‘मेरा पहला अनुरोध है, जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया. आइए, वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें.'' प्रधानमंत्री ने पानी के संरक्षण के लिए जो पारंपरिक तौर-तरीके उपयोग में लाए जाते रहे हैं उन्‍हें भी साझा करने की अपील की. प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों का, स्वयंसेवी संस्थाओं का और इस क्षेत्र में काम करने वाले हर किसी की जानकारी को #जलशक्ति4जलशक्ति के साथ शेयर करें ताकि उनका एक डाटाबेस बनाया जा सके. बाद में प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर एक ट्वीट भी किया जिसे हजारों लोगों ने रिट्वीट किया. पीएम मोदी ने लोगों को इसके लिए धन्‍यवाद भी दिया.

प्रधानमंत्री की अपील के बाद कई संगठनों ने इस दिशा में काम करना शुरू किया है. कई संगठनों ने अपनी तस्‍वीर भी साझा की है.


जल शक्‍ति अभियान से बिहार का बेगूसराय जिला भी जुड़ गया है. जिले के भगवानपुर प्रखंड में इस योजना की शुरुआत की गई जहां बसही गांव में मनरेगा के तहत जल शक्ति अभियान के लिए वर्कशॉप आयोजित किया गया. इसके तहत वर्षा जल संचयन के लिए सोख्‍ता निर्माण की नींव डाली गयी. इसके अलावा वीडियो फिल्म के द्वारा भी लोगों के जागरूक करने का प्रयास किया गया. गैर सरकारी संस्‍था 'जागो गांव' भी इस अभियान से जुड़ गई है और उसे लोगों का साथ भी मिल रहा है. अभी इस संस्‍था के द्वारा सरकारी स्कूलों और सरकारी भवन में जल संरक्षण के लिए काम किया जा रहा है.

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बिहार के बेगूसराय जिले में मनरेगा के तहत जल संरक्षण अभियान की शुरुआत की गई है.

गौरतलब है कि पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण इलाकों में पानी के संकट को देखते हुए गांव के प्रधानों को निजी तौर पर पत्र लिखा था. इस पत्र में उन्होंने उनसे मॉनसून के दौरान बारिश के पानी का संरक्षण करने का अनुरोध किया था. पीएम मोदी के हस्ताक्षर वाले पत्रों को जिलों के संबंधित जिला मजिस्ट्रेटों और कलेक्टरों ने स्वयं अपने हाथ से ग्राम प्रधानों को सौंपा था. कई ग्रामीण इलाकों में पीएम नरेंद्र मोदी का पत्र ग्रामीणों के बीच चर्चा का विषय बन गया. उदाहरण के लिए, मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के पास स्थित उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में उनका पत्र 637 ग्राम प्रधानों को दिया गया, जिसमें उन्होंने प्रधानों (सरपंच) से अनुरोध किया है कि वे इस मानसून ग्रामीणों को वर्षा जल के संरक्षण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रयास करें.

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