पीएम मोदी के कैबिनेट विस्तार का बिहार के सीएम नीतीश कुमार से यह कैसा वास्ता?

पीएम मोदी के कैबिनेट में फेरबदल हुआ लेकिन आलोचना नीतीश कुमार की हो रही है. रविवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल हुआ लेकिन सबसे ज्यादा इसका असर बिहार की राजनीति और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दिख रहा हैं.

पीएम मोदी के कैबिनेट विस्तार का बिहार के सीएम नीतीश कुमार से यह कैसा वास्ता?

नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

खास बातें

  • लालू यादव ने कहा- झुण्ड से भटकने के बाद बन्दर को कोई नहीं पूछता
  • उन्होंने यह भी कहा कि पल्टूराम को कार्ड तक नहीं आया
  • पीएम मोदी कैबिनेट फेरबदल के बाद नीतीश लिए गए निशाने पर
पटना:

पीएम मोदी के कैबिनेट में फेरबदल हुआ लेकिन आलोचना नीतीश कुमार की हो रही है. रविवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल हुआ लेकिन सबसे ज्यादा इसका असर बिहार की राजनीति और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दिख रहा हैं.

पढ़ें- नीतीश की पार्टी को मंत्री मंडल में जगह नहीं मिलने का हुआ खुलासा, लालू ने बताई असली वजह

भले जनता दल यूनाइटेड ने आधिकारिक रूप से इस फेरबदल को बीजेपी का आतंरिक मामला बताया हैं और खुद मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने सफाई दी हो कि इस मंत्रिमंडल विस्तार पर न उनसे कोई चर्चा हुई हैं और न ही जनता दल यूनाइटेड के भागीदारी पर उनसे पूछा गया लेकिन उनकी इस सफाई को उनके राजैनतिक विरोधी फ़िलहाल मानने के लिए तैयार
नहीं.  

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सबसे पहले राजद अध्यक्ष लालू यादव ने पहले ट्वीट करके पूछा- झुण्ड से भटकने के बाद बन्दर को कोई नहीं पूछता. लालू यादव ने यह भी कहा कि पल्टूराम को कार्ड तक नहीं आया. लालू ने भविष्यवाणी-सी करते हुए कहा कि नीतीश कुमार की असल दुर्गति अभी बाकी हैं. वहीं उनकी पार्टी के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि  नीतीश कुमार को माया मिली न राम. तिवारी ने अपने बयां में कहा कि इससे पहले भी प्रधानमंत्री मोदी, नीतीश कुमार का जिस दिन राज्य के बढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा करने आये थे उस दिन दोपहर के भोज के आग्रह को  ठुकरा चुके हैं.

निश्चित रूप से जनता दल यूनाइटेड के नेता शयद इस बात के लिए तैयार नहीं थे कि पिछले दिनों राष्ट्रीय कार्यकारणी में प्रस्ताव पारित कर ये घोषणा कि जनता दल यूनाइटेड एनडीएम में शामिल हो रही हैं, केवल इस बात के लिए की गयी थी कि जब भी केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हो तब पार्टी को भी उसमे जगह मिले.

इस विस्तार में पार्टी के वरिष्ठ नेता आर सी सिंह के शामिल होने की खबर को पक्का माना जा रहा था इसलिए कई पार्टी के विधायक दिल्ली में कमेंट भी कर रहे थे लेकिन फ़िलहाल बीजेपी के नेता राहत की सांस ले रहे हैं. उनका मानना हैं कि पार्टी ने पहली बार ये सन्देश साफ़ शब्दों में दिया हैं कि नीतीश कुमार की मनमानी करने के दिन चले गए और अब वो एक नयी बीजेपी के साथ डील कर रहे हैं जहां कार्यकर्ताओं और पार्टी को सर्वोपरि रखा जाता हैं. 


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