नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के बीच बंगाल के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवा बंद
पीएम मोदी ने कहा, 'JMM और कांग्रेस के पास झारखंड के विकास का कोई न रोडमैप है और न इरादा है और न कभी भूतकाल में कुछ किया है. अगर वो जानते है तो उनको एक ही बात का पता है, भाजपा का विरोध करो, मोदी को गाली दो. भाजपा का विरोध करते-करते इन लोगों को देश का विरोध करने की आदत हो गई है.' उन्होंने कहा, 'हमारे देश की संसद ने नागरिकता कानून से जुड़ा एक महत्वपूर्ण बदलाव किया. इस बदलाव के कारण पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से जो वहां कम संख्या में थे, जो अलग धर्म का पालन करते थे, इसलिए वहां उन पर जुल्म हुए.
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उन्होंने कहा कि उनका वहां जीना मुश्किल हो गया. ये तीन देशों से हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन, बौद्ध उनको वहां से अपना गांव, घर, परिवार सबकुछ छोड़कर भारत में भाग कर यहां शरणार्थी की जिंदगी जीने के लिए मजबूर होना पड़ा. उनके जीवन को सुधारने के लिए, इन गरीबों को सम्मान मिले इसलिए भारत की दोनों सदनों में भारी बहुमत से इन गरीबों के लिए नागरिकता का निर्णय किया. कांग्रेस और उसके साथी तूफान खड़ा कर रहे हैं, उनकी बात चलती नहीं है तो आगजनी फैला रहे हैं. ये जो आग लगा रहे हैं, ये कौन है उनके कपड़ों से ही पता चल जाता है. देश का भला करने की, देश के लोगों का भला करने की इन लोगों से उम्मीद नहीं बची है. ये सिर्फ और सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचते हैं.'
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प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं असम के भाइयों-बहनों का सिर झुकाकर अभिनंदन करता हूं कि इन्होंने हिंसा करने वालों को अपने से अलग कर दिया है. शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात बता रहे हैं. देश का मान-सम्मान बढ़े ऐसा व्यवहार असम, नार्थ ईस्ट कर रहा है. कल्पना कीजिए, अगर बाबा तिलका मांझी सिर्फ अपना हित ही सोचते तो क्या समाज के लिए इतना कुछ कर पाते? अगर सिद्धो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो, सिर्फ अपना लाभ ही देखते तो क्या अंग्रेजों का मुकाबला कर पाते. ये तमाम सेनानी, ये तमाम शहीद, परिवार हित से ऊपर उठकर, समाज के हित में, राष्ट्र के हित में खड़े हुए. भाजपा ऐसे ही संस्कारों को धारण करती है, उनको सम्मान देती है.'
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'पहले सरकारी योजनाएं सिर्फ कागज़ों तक सिमट कर रह जाते थे क्योंकि सरकार और जनता के बीच बहुत बड़ी खाई थी. ये खाई राजनीति की थी, अफसरशाही की थी, भ्रष्टाचार की थी, असंवेदनशीलता की थी. आपका ये सेवक इस खाई को पाटने में निरंतर जुटा है और इसमें अभूतपूर्व सफलता भी मिली है. 2014 से पहले यहां जो मुख्यमंत्री थे, वो 30-35 हज़ार घरों के निर्माण का दावा करते थे और उसको ही बहुत बड़ी उपलब्धि बताते थे. अब हम इस संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि देश के हर गरीब के पास अपना पक्का घर हो.'
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