WB CM: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee)
खास बातें
- सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी बेचने का ममता ने किया विरोध
- PM मोदी को आर्थिक संकट से निपटने के लिए दिये सुझाव
- 'केंद्र को छोटे-छोटे कदम के बजाय स्थायी समाधान करना चाहिए
मुर्शिदाबाद: कई सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी बेचने या विनिवेश करने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले का विरोध करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को आर्थिक संकट (Economic Crisis) से निपटने के लिए विशेषज्ञों और सभी राजनीतिक दलों से बात करनी चाहिए. ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में सरकारी हिस्सेदारी बेचकर धन जुटाना केवल अस्थायी राहत प्रदान कर सकता है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'केंद्र को छोटे-छोटे कदम उठाने के बजाय स्थायी समाधान करना चाहिए. जब तक आर्थिक स्थिरता नहीं होगी, इस तरह के उपाय समाधान नहीं हो सकते हैं.'
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तृणमूल कांग्रेस (TMC) की प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा कि एक निर्वाचित सरकार को स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए. देश को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर, 'सभी अन्य दलों की भी राय ली जानी चाहिए.' उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री को संकट से निपटने के लिए देश में विशेषज्ञों से बात करनी चाहिए और एक सर्वदलीय बैठक आयोजित करनी चाहिए.'
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बता दें कि सरकार ने बुधवार को निजीकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाया. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पेट्रोलियम क्षेत्र की प्रमुख कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल), पोत परिवहन कंपनी भारतीय जहाजरानी निगम (एससीआई) और माल ढुलाई से जुड़ी कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकॉर) में सरकारी हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी. साथ ही चुनिंदा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में हिस्सेदारी को 51 प्रतिशत से नीचे लाने को मंजूरी दी है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)