PM Modi ने की 20 लाख करोड़ रुपये की मदद: क्या किसान यही उम्मीद कर रहा था जो आज उसे मिला?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लगातार तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेस करके पीएम मोदी की ओर से ऐलान किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के आवंटन का ब्यौरा दिया है. आज हुई प्रेस कांन्फ्रेंस में उन्होंने किसानों और खेती से जुड़े कामों पर जोर दिया है और इनसे जुड़ी कई योजनाओं पर पैसा खर्च करने की बात कही है.

PM Modi ने की 20 लाख करोड़ रुपये की मदद:  क्या किसान यही उम्मीद कर रहा था जो आज उसे मिला?

वित्त मंत्री ने आज किसानों के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया है

खास बातें

  • वित्त मंत्री ने आज किसानों के लिए कई ऐलान
  • लेकिन नहीं मिली फौरी राहत
  • किसानों को है तुरंत मदद की दरकार
नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लगातार तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेस करके पीएम मोदी की ओर से ऐलान किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के आवंटन का ब्यौरा दिया है. आज हुई प्रेस कांन्फ्रेंस में उन्होंने किसानों और खेती से जुड़े कामों पर जोर दिया है और इनसे जुड़ी कई योजनाओं पर पैसा खर्च करने की बात कही है. लेकिन अगर बात की जाए इन ऐलानों के असर की तो साफ है कि सारा ध्यान खेती से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर की है जिसके जरिए किसानों की आय को बढ़ाना है. लेकिन सवाल की इस बात का है कि कोरोना वायरस की वजह से जारी लॉकडाउन की वजह से इस बीच जिस किसी को भी नुकसान हुई है उसकी भरपाई कैसे होगी. इस सवाल का जवाब अभी तक केंद्र की ओर से नहीं मिला है.

वित्त मंत्री की ओर से आज जिन बातों का ऐलान किया गया है. उनका ठीक से लागू भी किया गया तो उसका असर होने में कम से कम दो साल लग जाएगा और इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आज जारी की गई राशि से कर्ज लेना पड़ेगा. यानी जो लोग पहले से ही नुकसान झेल रहे हैं उनको फिर से कर्ज देने की बात कही जा रही है. 

कोरोना संकट और लॉकडाउन के बावजूद इस साल अनाज का रिकॉर्ड प्रोडक्शन होने का अनुमान है. कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्‍याण विभाग की तरफ से जारी 2019-20 के लिए मुख्‍य फसलों के उत्‍पादन के तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक देश में कुल अनाज का प्रोडक्शन रिकॉर्ड 295.67 मिलियन टन होने की उम्मीद है. ये 2018-19 के दौरान 285.21 मिलियन टन अनाज के उत्‍पादन की तुलना में 10.46 मिलियन टन अधिक है. इसके बदले किसानों की आय में कितनी बढ़ोत्तरी हुई इस पर कोई चर्चा नहीं है. कम से कम किसानों को बोनस देने की बात कही जा सकती थी. फिलहाल इन योजनाओं से कृषि अर्थव्यवस्था कितना मजबूत होगी यह देखने वाली बात होगी.  

वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्द्धा और निवेश बढ़ाने के लिए वर्ष 1955 से मौजूद एसेंशियल कमोडिटीज़ एक्ट में बदलाव लाया जा रहा है. इसके लिए केंद्रीय कानून बनाया जाएगा. इसकी मदद से किसानों के लिए बैरियर-मुक्त अंतर-राज्यीय व्यापार संभव हो सकेगा. लेकिन इससे पहले भी खेती से जुड़े उत्पादों को  एसेंशियल कमोडिटीज़ से बाहर किया गया लेकिन जैसे ही उन चीजों की कीमतें बढ़ीं उनको फिर इस एक्ट के दायरे में डाल दिया गया. 

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इसके अलावाव पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास फंड के लिए 15,000 करोड़,राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के लिए 13,343 करोड़, हर्बल कल्टीवेशन के लिए 4,000 करोड़ रुपये, मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. टमाटर, प्याज़, आलू के लिए बनाया गया ऑपरेशन ग्रीन्स अब सभी फल-सब्ज़ियों पर लागू होगा. इसे 'टॉप टु टोटल' योजना कहा जाएगा, जिसके लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर में 1 लाख करोड़ रुपये भी खर्च करने के लिए ऐलान किया गया है.