शरद पवार बोले- PM मोदी चाहते थे हम साथ मिलकर काम करें लेकिन, मैंने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया...

NCP प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने उन्हें साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन मैंने इसे ठुकरा दिया.

शरद पवार बोले- PM मोदी चाहते थे हम साथ मिलकर काम करें लेकिन, मैंने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया...

खास बातें

  • NCP प्रमुख शरद पवार का आया रिएक्शन
  • 'PM ने साथ मिलकर काम करने का दिया था प्रस्ताव'
  • 'प्रधानमंत्री मोदी के दिए प्रस्ताव को मैंने ठुकरा दिया'
मुंबई:

NCP प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने उन्हें साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन मैंने इसे ठुकरा दिया. शरद पवार ने सोमवार को एक मराठी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में यह दावा किया. शरद पवार ने कहा, 'मोदी ने मुझे साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव दिया था. मैंने उनसे कहा था कि हमारे निजी संबंध बहुत अच्छे हैं और वे हमेशा रहेंगे, लेकिन मेरे लिए साथ मिलकर काम करना संभव नहीं है.' शरद पवार ने ऐसी खबरों को खारिज कर दिया कि मोदी सरकार ने उन्हें देश का राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव दिया.

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उन्होंने कहा, 'लेकिन, मोदी नेतृत्व वाली कैबिनेट में सुप्रिया (सुले) को मंत्री बनाने का एक प्रस्ताव जरूर मिला था.' सुप्रिया सुले, पवार की बेटी हैं और पुणे जिला में बारामती से लोकसभा सदस्य हैं. महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रहे घटनाक्रम के बीच शरद पवार ने पिछले महीने मोदी से मुलाकात की थी. पीएम नरेंद्र मोदी कई मौके पर पवार की तारीफ कर चुके हैं. पिछले दिनों पीएम मोदी ने कहा था कि संसदीय नियमों का पालन कैसे किया जाता है इस बारे में सभी दलों को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से सीखना चाहिए. 

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शरद पवार ने कहा कि 28 नवंबर को जब उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो उस समय अजित पवार को शपथ नहीं दिलाने का फैसला 'सोच समझकर' लिया गया. पवार ने कहा, 'जब मुझे अजित के (देवेंद्र फडणवीस को दिए गए) समर्थन के बारे में पता चला तो सबसे पहले मैंने ठाकरे से संपर्क किया. मैंने उन्हें बताया कि जो हुआ वह ठीक नहीं है और उन्हें भरोसा दिया कि मैं इसे (अजित के बगावत को) दबा दूंगा.' उन्होंने कहा, 'जब राकांपा में सबको पता चला कि अजित के कदम को मेरा समर्थन नहीं है, तो जो पांच-दस (विधायक) उनके (अजित) साथ थे, उनपर दबाव बढ़ गया.'

राकांपा प्रमुख ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि (पवार) परिवार में क्या किसी ने (अजित पवार से फडणवीस को समर्थन देने के उनके फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए) बात की थी. लेकिन परिवार के सभी का मानना था कि अजित ने गलत किया. उन्होंने कहा, 'बाद में मैंने उनसे कहा कि जो कुछ भी उन्होंने किया वह क्षम्य नहीं है. जो कोई भी ऐसा करेगा उसे परिणाम भुगतान होगा और आप अपवाद नहीं हैं.' उन्होंने कहा, 'साथ राकांपा में एक बड़ा हिस्सा है, जिसकी उनमें आस्था है--वह काम करा देते हैं.'

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