पीएम नरेंद्र मोदी का जन्मदिन: प्रधानमंत्री की कही गई 10 प्रेरक बातें...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने से लेकर भारत के सबसे प्रभावशाली प्रधानमंत्री बनने तक का सफर अपने आप में प्रेरणादायक रहा है.

पीएम नरेंद्र मोदी का जन्मदिन: प्रधानमंत्री की कही गई 10 प्रेरक बातें...

भारत के प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो).

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने से लेकर भारत के सबसे प्रभावशाली प्रधानमंत्री बनने तक का सफर अपने आप में प्रेरणादायक रहा है. पीएम मोदी के जन्मदिन (PM Modi's Birthday) के मौके पर उनके द्वारा कही गई 10 प्रेरक बातें यहां बताई जा रही हैं. देश के मौजूदा प्रधानमंत्री न सिर्फ भारत की बल्कि विश्व की अहम शख्सियत बन चुके हैं. उनकी अब तक राजनीति की पारी में उन्होंने बहुत से प्रभावशाली भाषण दिए हैं. पीएम मोदी में न सिर्फ भाषण देने का कमाल का कौशल है बल्कि वे सुनने वाले को मंत्रमुग्ध तक कर देते हैं. न सिर्फ भारत में बल्कि देश से बाहर भी उन्होंने कई अहम भाषण दिए हैं.

प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर एक नजर उनके द्वारा कही गई 10 प्रेरक बातों पर:

  1. "भारत को कुछ और बनने की जरूरत नहीं है. भारत सिर्फ भारत बन सकता है. ये एक ऐसा देश है जिसे एक वक्त में सोने की चिड़िया कहा जाता था."

  2. "भारत युवाओं का देश है. एक ऐसा देश जहां युवाओं की आबादी सबसे ज्यादा है, जो न सिर्फ भारत का बल्कि दुनिया की तकदीर बदल सकते हैं".

  3. "लोगों की दुआएं और आशीर्वाद आपको बिना थके काम करनी की ताकत देते हैं. जिस एक चीज की जरूरत है वो है प्रतिबद्धता".

  4. "मैं बहुत ही गरीब परिवार में जन्मा था. मैं बचपन में रेलवे स्टेशन पर चाय बेचता था. मेरी मां बर्तन धोया करती थीं , रोजी रोटी के लिए मैं दूसरों के घर में काम किया करता था. मैंने  गरीबी बहुत करीब से देखी है. मैं गरीबी में रहा हूं. मेरा पूरा बचपन गरीबी में बीता है".

  5. "भारत को बहुत तेजी से आगे बढ़ना होगा और यह तब ही मुमकिन होगा जब हर एक भारतीय समृद्ध हो. ये हमारी जिम्मेदारी है कि गरीबों का हाथ थामें."

  6. "विज्ञान में असफलता जैसा कुछ नहीं होता. वहां सिर्फ प्रयास और प्रयोग होते हैं".

  7. "हम सब में अच्छे और बुरे गुण होते हैं. जो सदगुणों पर ध्यान देते हैं वे ही जीवन में सफल होते हैं".

  8. "हमें साथ चलना होगा, हमें साथ आगे बढ़ना होगा, हमें एक साथ सोचना होगा, एक साथ प्रण लेना होगा और एक साथ इस देश को आगे लेकर जाना है".

  9. "दृढ़ता और तपस्या भारत के मूल्यों के केंद्र में हैं. हमारे गौरवशाली इतिहास में,हमने ऐसा वक्त देखा है जिसने हमारी रफ्तार को धीमा किया लेकिन हमारी भावना को कुचलने नहीं दिया. हमने वापसी की और बड़े मुकाम हासिल किए. इसलिए हमारी सभ्यता को वो मुकाम हासिल है".

  10. "आप जो बदलाव देखना चाहते हैं देख सकते हैं पर इसके लिए आपको वो बनना पड़ेगा जो आप हैं".