'लॉकडाउन का समय हम घरों में जरूर, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं', पढ़ें PM मोदी के संबोधन की 10 खास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार की सुबह 9 बजे कोरोनावायरस के चलते लॉकडाउन में देश के नाम वीडियो मैसेज के जरिए संदेश शेयर किया.

'लॉकडाउन का समय हम घरों में जरूर, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं', पढ़ें PM मोदी के संबोधन की 10 खास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली: कोरोनावायरस के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार की सुबह 9 बजे देश के नाम वीडियो मैसेज के जरिए संदेश साझा किया. पीएम मोदी ने वीडियो मैसेज के जरिए कहा, देश एक होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ सकता है. लॉक़डाउन के समय में यह सामूहिकता चरितार्थ होती नजर आ रही है. कुछ लोग यह सोच रहे हैं कि कितने दिन ऐसे और काटने पड़ेंगे. साथियों यह लॉकडाउनक का समय जरूर हैं, हम अपने घरों में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है. 130 करोड़ लोगों की सामूहिक शक्ति हर लोगों की एकता है.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन को आज नौ दिन हो रहे हैं. इस दौरान आप सभी ने जिस प्रकार अनुशासन और सेवा भाव दोनों का परिचय दिया है वो अभूतपूर्व है. शासन प्रशासन और जनता ने इस स्थिति को अच्छे ढंग से संभालने का पूरा प्रयास किया है

  2. आपने जिस प्रकार 22 मार्च रविवार के दिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले हर किसी का धन्यवाद किया वो भी आज सभी देशों के लिए एक मिसाल बन गया है. आज कई देश इसको दोहरा रहे हैं.

  3. ये लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने अपने घरों  में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है. 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का.

  4. हमारे यहां माना जाता है कि जनता जनार्दन, ईश्वर का ही रूप होती है. इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो, तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए.

  5. हमें निरंतर प्रकाश की ओर जाना है, जो इस कोरोना संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, हमारे गरीब भाई-बहन उन्हें कोरोना संकट से पैदा हुई निराशा से आशा की तरफ ले जाना है.

  6. इस कोरोना संकट से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त करके हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढ़ना है. इस अंधकारमय कोरोना संकट को पराजित करने के लिए, हमें प्रकाश के तेज को चारो दिशाओं में फैलाना है.

  7. इस रविवार 5 अप्रैल को, हम सबको मिलकर, कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है, उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है. इस 5 अप्रैल को हमें, 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है.

  8. घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में, खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं और उस समय यदि घर की सभी लाइटें बंद करेंगे, चारों तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीया जलाएगा, तब प्रकाश की उस महाशक्ति का ऐहसास होगा, जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं, ये उजागर होगा.

  9. उस प्रकाश में, उस रोशनी में, उस उजाले में, हम अपने मन में ये संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं, कोई भी अकेला नहीं है. 130 करोड़ देशवासी, एक ही संकल्प के साथ कृतसंकल्प हैं.

  10. मेरी एक और प्रार्थना है कि इस आयोजन के समय किसी को भी, कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है. रास्तों में, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाजे, बालकनी से ही इसे करना है.