यह ख़बर 17 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

कुडनकुलम संयंत्र पर पीएम के बयान का विरोध

खास बातें

  • लोगों ने अपने घर के बाहर काले झंडे लगाए हैं, साथ ही इस न्यूक्लियर प्लांट के विरोध में स्थानीय लोगों की भूख हड़ताल भी जारी है।
चेन्नई:

मॉस्को में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रूसी प्रधानमंत्री के साथ बैठक के बाद तमिलनाडु की कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना का पहला चरण दो हफ्ते में शुरू करने का ऐलान कर दिया है। पीएम का यह चौंकाने वाला बयान कुडनकूलम के विरोध के बीच आया है। अब इस मामले पर राजनीति गरमाने के पूरे आसार हैं, क्योंकि अभी तक परियोजना शुरू करने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच सहमति नहीं बन पाई है। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है। यहां लोगों ने अपने घर के बाहर काले झंडे लगाए हैं, साथ ही इस न्यूक्लियर प्लांट के विरोध में स्थानीय लोगों की भूख हड़ताल भी जारी है। संयंत्र का विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि यह सरकार के तानाशाहीपूर्ण रवैये को दर्शाता है। पीपुल्स मूवमेंट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी के संयोजक एसपी उदयकुमार ने कहा, यह सरकार के तानाशाहीपूर्ण रवैये को दर्शाता है। रूस जाने से पहले मनमोहन ने कहा था कि हमें इस पर बात करनी चाहिए और रूस पहुंचने के बाद उन्होंने अपना बयान बदल दिया। यह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि हमने अपनी सभी संघर्ष समितियों के सदस्यों को बैठक के लिए बुलाया है, ताकि भविष्य की योजना तय की जा सके।


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