नॉर्थ ईस्ट दिल्ली दंगों को लेकर पुलिस ने हाइकोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा, "इन नेताओं के खिलाफ नहीं बनता केस"

पुलिस ने कोर्ट को बताया कि हमने बिना किसी भय के बहुत जल्दी, बहुत प्रभावी कार्रवाई की, जिससे कुछ दिन दिन में हिंसा रुकी और एक सीमित इलाके तक हिंसा हुई.

नॉर्थ ईस्ट दिल्ली दंगों को लेकर पुलिस ने हाइकोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा,

नई दिल्ली:

उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाइकोर्ट में हलफनामा दायर किया है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ,अनुराग ठाकुर,परवेश वर्मा और अभय वर्मा के खिलाफ केस नहीं बनता है और दंगों में उनकी भूमिका के अब तक कोई सबूत नहीं मिले हैं. लिहाजा इनके खिलाफ केस दर्ज करने की कोई जरूरत नहीं. वहीं राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मनीष सिसोदिया, एआईएमआईएम नेता वारिस पठान, प्रियंका गांधी और अमानतुल्लाह खान द्वारा दिये गए बयानों की जांच की गई है. पुलिस का कहना है कि इन नेताओं के बयानों का दंगों से कोई संबंध मिला तो कार्रवाई होगी, अब तक इनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला. पुलिस ने बताया कि वारिश पठान, सलमान खुर्शीद, असदुद्दीन ओवैसी के द्वारा एंटी नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को भड़काने के मामले के जांच चल रही है, अगर कोई सबूत मिला तो कार्रवाई होगी.

पुलिस ने कोर्ट को बताया कि हमने बिना किसी भय के बहुत जल्दी, बहुत प्रभावी कार्रवाई की, जिससे कुछ दिन दिन में हिंसा रुकी और एक सीमित इलाके तक हिंसा हुई. पुलिस ने दावा किया कि जांच में बिना पक्षपात किये कार्रवाई हुई. हिंसा एक गहरी और सुनियोजित साज़िश के तहत कराई गई, इसका पूरा डिटेल हलफनामे में है. 

पुलिस ने बताया कि उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा में कुल 751 केस दर्ज हुए, जिसमें 53 दंगे के साथ हत्या के, 29 दंगे के साथ हत्या के प्रयास के, 665 दंगे के,3 दंगे के साथ डकैती के और 1 दंगे के साथ. असॉल्ट का 200 केसों में चार्जेशीट दायर हो चुकी है. 1430 लोग अब तक गिरफ्तार हुए हैं. 581 लोग घायल हुए जिसमें 108 पुलिसवाले,इनमें 97 लोग गोली से घायल हुए.

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