शिलांग में CAB का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज, पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े

मेघालय की राजधानी शिलांग में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAB) के खिलाफ प्रदर्शन कर रही भीड़ ने शुक्रवार शाम राजभवन के पास पुलिस पर पथराव किया. इसके बाद पुलिस ने आंसू गैंस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया.

शिलांग में CAB का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज, पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े

शिलांग में CAB का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज.

खास बातें

  • शिलांग में हिंसक हुआ प्रदर्शन
  • पुलिस ने किया लाठीचार्ज
  • आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए
नई दिल्ली:

मेघालय की राजधानी शिलांग में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAB) के खिलाफ प्रदर्शन कर रही भीड़ ने शुक्रवार शाम राजभवन के पास पुलिस पर पथराव किया. इसके बाद पुलिस ने आंसू गैंस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया. यह घटना कर्फ्यू के बाद हुई है जो हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद शिलांग के कुछ हिस्सों में लगाया गया है. बता दें कि नागरिकता अधिनियम के तहत गुरुवार को अशांति फैलने के बाद दो दिनों के लिए राज्य भर में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को भी बंद कर दिया गया है. बता दें कि इससे पहले कैब का विरोध कर रहे दो प्रदर्शनकारियों की गुरुवार शाम पुलिस की गोली से मौत हो गई थी. बता दें कि शिलांग को छोड़कर राज्य का बाकी हिस्सा नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) के दायरे में नहीं आने वाला है. शिलांग में ही दो गाड़ियां आग के हवाले कर दिया गया. मुख्यमंत्री और मंत्री दिल्ली के लिए फ़्लाइट नहीं ले पाए. 

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डिब्रूगढ़ में लगे कर्फ्यू में ढील
नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) के पारित होने के विरोध में प्रदर्शनों के बाद डिब्रूगढ़ (Dibrugarh) में लगे अनिश्चितकालीन कर्फ्यू में शुक्रवार को पांच घंटे की ढील दी गई है. वहीं, गुवाहाटी (Guwahati) में छात्र संगठन अखिल असम छात्र संघ (All Assam Students' Union) द्वारा आहूत किए गए अनशन के लिए चांदमारी (Chandmari) क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए. अधिकारियों ने बताया कि डिब्रूगढ़ में सुबह आठ बजे से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू में छूट दी गई है. सेना और सुरक्षा बल के जवान गुवाहाटी में फ्लैग मार्च कर रहे हैं क्योंकि यह क्षेत्र नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करने का केंद्र बना हुआ है.

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कानून बना नागरिकता बिल
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार देर रात को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी और अब यह कानून बन गया है. नागरिकता (संशोधन) विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पारित हुआ था. इससे पहले यह विधेयक सोमवार को लोकसभा में भी पारित हो चुका था. इसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों - हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है.

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