आरक्षण की आग में सुलगा गुजरात, पुलिसकर्मी समेत अब तक 8 की मौत, बुलाई गई सेना

आरक्षण की आग में सुलगा गुजरात, पुलिसकर्मी समेत अब तक 8 की मौत, बुलाई गई सेना

अहमदाबाद:

गुजरात में पटेल समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) के तहत आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद हालात काबू में करने में मदद के लिए बुधवार को सेना बुला ली गयी। हिंसा में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है और राज्य के कई बड़े शहरों और कस्बों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। आठवीं मौत एक पुलिस कॉन्‍स्‍टेबल की हुई जो बुधवार सुबह झड़प में घायल हो गया था। हालात को देखते हुए सूरत और अहमदाबाद में आज भी स्कूलों-कॉलेजों को बंद रखा गया है। अहमदाबाद, सूरत, मेहसाणा के कई इलाकों में कर्फ्यू जारी है।

राज्य के कुछ हिस्सों में छिटपुट हिंसा की खबरों के बीच सेना ने बुधवार शाम फ्लैग मार्च किया।

पुलिस ने कहा कि पटेल समुदाय की मंगलवार को हुई बड़ी रैली के बाद भड़की हिंसा में राज्य में सात लोग मारे जा चुके हैं। पुलिस के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनता से शांति बनाये रखने की अपील के बावजूद पटेल समुदाय के सदस्यों ने आगजनी, पथराव किया और सरकारी तथा निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।

इस बीच राज्य की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने इस बात से इनकार किया कि उनकी सरकार ने अहमदाबाद में एक रैली में प्रदर्शनकारियों पर लाठी भांजने का आदेश दिया था जिसके बाद हिंसक प्रदर्शन हुए।

उन्होंने कहा, ‘मैंने जीएमडीसी मैदान में लाठीचार्ज की घटना के मामले में जांच के आदेश दे दिये हैं। डीसीपी जांच कर रहे हैं। सरकार को रिपोर्ट का इंतजार है। सरकार ने लाठीचार्ज के लिए या अत्यधिक बल प्रयोग के लिए कोई आदेश नहीं दिया था।’ अहमदाबाद, सूरत, मेहसाणा, राजकोट, जामनगर, पालनपुर, उंझा, विसनगर और पाटन शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

सेना ने अहमदाबाद में किया फ्लैग मार्च
सेना ने पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन से भड़की हिंसा के मद्देनजर लोगों के बीच विश्वास बहाली के उद्देश्य से शहर में पांच विभिन्न मार्गों पर फ्लैग मार्च किया। अहमदाबाद के जिला कलेक्टर राजकुमार बेनीवाल ने बताया, ‘पांच विभिन्न मार्गों पर सेना की कम से कम पांच कंपनियों ने फ्लैग मार्च किया। इनमें वे इलाके भी थे जहां हिंसा भड़की थी।’

सेना की एक कंपनी ने चंद्रखेड़ा, आरटीओ सर्कल और गांधी आश्रम इलाकों में फ्लैग मार्च किया, दूसरा फ्लैग मार्च शहर के पूर्वी हिस्से में बकरोल सर्कल, वस्त्राल सर्कल, निकोल, बापा सीताराम चौक, सरदार चौक और ठक्करबापा नगर मार्ग में किया गया। बेनीवाल ने बताया कि तीसरा फ्लैग मार्च शहर के पश्चिमी भाग में शिवरंजनी, आईआईएम सर्कल, हेलमेट और सोला हाई स्कूल इलाकों में किया गया। उन्होंने बताया कि चौथी कंपनी ने शाही बाग, घेवर सर्कल, सरसपुर, सीटीएम और घोडा सर्कल इलाकों में फ्लैग मार्च किया। पांचवा फ्लैग मार्च वस्त्राल, राजेन्द्र पार्क, हीरावदी, मेमको और मेघानीनगर इलाकों में किया गया। अर्धसैनिक बलों के भी करीब 5000 जवान गुजरात पहुंच गये हैं।

पुलिस ने बताया कि छह लोग पुलिस गोलीबारी में मारे गये, वहीं एक आदमी कल रात से शुरू हुई हिंसा के दौरान सिर में चोट लगने से मारा गया। तीन मामले अहमदाबाद से, तीन मामले बनासकांठा जिले के गढ़ गांव से और एक मामला मेहसाणा कस्बे से आया है।

पीएम मोदी ने की शांति की अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजराती भाषा में दिए टेलीविजन संदेश में लोगों से शांति की अपील की और इस बात पर जोर दिया कि बातचीत से सभी मुद्दों को सुलझाया जा सकता है। प्रधानमंत्री बनने से पहले 12 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे पीएम मोदी ने कहा, ‘महात्मा गांधी और सरदार पटेल की धरती पर किस तरह हिंसा का सहारा लिया जा रहा है.... मैं गुजरात के सभी भाइयों और बहनों से अपील करता हूं कि उन्हें हिंसा का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। केवल एक मंत्र होना चाहिए ‘शांति’।’ केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल से बात की और उन्हें हालात से निपटने में केंद्र की ओर से पूरी तरह सहायता का आश्वासन दिया।

हार्दिक पटेल ने पुलिस को ठहराया जिम्‍मेदार
इस बीच पटेल अनामत आंदोलन समिति के नेता 22 वर्षीय हार्दिक ने हिंसा के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज होगा। मंगलवार रात प्रदर्शनकारियों द्वारा हिंसा भड़काने के आरोपों को खारिज करते हुए हार्दिक ने पुलिस पर आरोप लगाया कि राजनीतिक तंत्र के इशारे पर आंदोलन को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है।

पटेल समुदाय को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण देने की मांग को लेकर आंदोलन तेज करने की चेतावनी देने वाले हार्दिक पटेल को मंगलवार रात हिरासत में लिये जाने के बाद भड़की हिंसा की आग गुजरात के कई हिस्सों में सुलगती रही। हार्दिक द्वारा बंद के आह्वान के बाद कई जगहों पर सामान्य जनजीवन अस्तव्यस्त रहा और स्कूल, कॉलेज, व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। बैंक और सार्वजनिक परिवहन के साधन भी बंद रहे। पुलिस ने कहा कि आंदोलनकारियों ने राज्य में कम से कम आठ स्थानों पर रेल पटरियों को उखाड़ दिया।

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एक व्यक्ति उत्तरी गुजरात के मेहसाणा कस्बे के बाहरी क्षेत्र में मोधेरा चौराहे पर पथराव कर रही भीड़ पर गोलीबारी में मारा गया।