यह ख़बर 11 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

'दान' के सहारे चलता है सभी राजनीतिक दलों का खर्चा-पानी!

खास बातें

  • देश में सक्रिय सभी राजनीतिक दल 'दान' के मोहताज हैं और उनके खर्च का एक बड़ा हिस्सा इसी से चलता है लेकिन इसके साथ ही एक बात यह भी है कि दान लेने वाले राजनीतिक दल दान दाताओं का खुलासा नहीं करते।
नई दिल्ली:

देश में सक्रिय सभी राजनीतिक दल 'दान' के मोहताज हैं और उनके खर्च का एक बड़ा हिस्सा इसी से चलता है लेकिन इसके साथ ही एक बात यह भी है कि दान लेने वाले राजनीतिक दल दान दाताओं का खुलासा नहीं करते।

यह कहना है एक गैर सरकारी संगठन थिंक-टैंक्स एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स एंड नेशनल वाच का।

संगठन की ओर से एकत्र ब्योरे से यह खुलासा भी हुआ है कि देश में कांग्रेस सबसे धनी राजनीतिक पार्टी है और उसकी प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस मामले में दूसरे नम्बर पर है। हालांकि दोनों दलों ने दान लेने का बचाव किया है।

संगठन ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों की आमदनी का सबसे बड़ा स्रोत दान है, फिर भी बहुत कम पार्टियों ने दान के स्रोतों का खुलासा किया।

बीते सात साल यानी वित्त वर्ष 2004-05 और 2010-11 के बीच कांग्रेस की आमदनी 2,008 करोड़ रुपये थी। इसी अवधि में 994 करोड़ रुपये की आमदनी के साथ भाजपा दूसरे स्थान पर रही।

इसके अलावा इसी अवधि में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की आमदनी 484 करोड़ रुपये थी, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पास 417 करोड़ रुपये थे और समाजवादी पार्टी के पास 279 करोड़ रुपये थे।

संगठन के राष्ट्रीय समन्वयक अनिल बैरीवाल ने कहा, '20,000 रुपये से अधिक दान एकत्र करने वाले राजनीतिक दलों के लिए उसकी घोषणा करना अनिवार्य है, लेकिन इनमें से बहुत कम पार्टियों ने घोषित किया कि उन्हें दान कहां-कहां से मिले।' उन्होंने कहा कि जिन दाताओं ने 20,000 रुपये से अधिक दान दिए, उनके नामों का खुलासा होना चाहिए लेकिन कम ही राजनीतिक दलों ने अपनी कुल आय में दान के प्रतिशत का खुलासा किया है।

वित्त वर्ष 2009-10 और 2010-11 के लिए भाजपा को नामचीन दाताओं से कुल आय का 22.76 प्रतिशत दान मिला। इस अवधि में कांग्रेस को नामचीन दाताओं से कुल आय का मात्र 11.89 प्रतिशत दान मिला। इस मामले में 4.64 प्रतिशत दान के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) तीसरे स्थान पर और 1.29 प्रतिशत दान के साथ माकपा चौथे स्थान पर है।

देश में तीसरे नम्बर की धनी पार्टी बसपा ने घोषणा की है कि उसने 20,000 रुपये से अधिक का कोई दान नहीं लिया।

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी कहते हैं, 'दान लेने में कुछ भी अवैध और अनैतिक नहीं है।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी कहते हैं, "दान लेने में कुछ भी अवैध और अनैतिक नहीं है।' उन्होंने कहा कि रिपोर्ट देखने के बाद ही वह इस मामले में विस्तृत प्रतिक्रिया दे पाएंगे।

भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि पार्टी को उसके कार्यकर्ताओं से पैसा मिलता है जिसकी प्रक्रिया पारदर्शी है।

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बहरहाल, अब राजनीतिक दल गठित करने के प्रयास में जुटे भंग टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल को सोचना है कि इन धनी पार्टियों का मुकाबला वह किस तरह करेंगे।