यह ख़बर 18 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

उत्तराखंड में राजनीतिक संकट बरकरार, कांग्रेस की बैठक

खास बातें

  • उत्तराखंड में राजनीतिक संकट आज भी शांत नहीं हुआ और नाराज केंद्रीय मंत्री हरीश रावत ने कहा कि उन्हें गतिरोध समाप्त करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व की ओर से कोई ‘ठोस प्रस्ताव’ नहीं मिला है।
नई दिल्ली/देहरादून:

उत्तराखंड में राजनीतिक संकट आज भी शांत नहीं हुआ और नाराज केंद्रीय मंत्री हरीश रावत ने कहा कि उन्हें गतिरोध समाप्त करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व की ओर से कोई ‘ठोस प्रस्ताव’ नहीं मिला है।

यह पूछे जाने पर कि गतिरोध को समाप्त करने के लिए क्या उन्हें आलाकमान की ओर से कोई प्रस्ताव मिला है, रावत ने दिल्ली में कहा, ‘मेरे पास क्षतिपूर्ति के लिए ऐसा कोई ठोस प्रस्ताव नहीं आया है। यदि ऐसा कोई प्रस्ताव आता है तो मैं उसके बारे में अपने समर्थकों से चर्चा करूंगा।’

बहुगुणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के करीब एक सप्ताह बाद रावत ने कहा कि वह और उनके समर्थक किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं हैं और उनका सरकार को अस्थिर करने का कोई इरादा नहीं है।

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मामले को सुलझाने के उद्देश्य से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बहुगुणा और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श किया।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में कांग्रेस उत्तराखंड के महासचिव प्रभारी चौधरी वीरेंद्र सिंह, केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद और सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल भी मौजूद थे।