यह ख़बर 30 जनवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

किरण रेड्डी का राजनीतिक नाटक खत्म : उपमुख्यमंत्री दामोदर राजानरसिम्हा

हैदराबाद:

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दामोदर राजानरसिम्हा ने गुरुवार को कहा कि राज्य विधानमंडल में तेलंगाना विधेयक पर चर्चा पूरी होने के साथ ही मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी के राजनीतिक नाटक का पटाक्षेप हो गया।

विधानमंडल के दोनों सदनों में सीमांध्र (रायलसीमा और तटीय आंध्र) के विधायकों के बहुमत से आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक 2013 को खारिज किए जाने के बाद राजानरसिम्हा ने संवाददाताओं से कहा कि इसका तेलंगाना राज्य के गठन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

तेलंगाना क्षेत्र से आने वाले कांग्रेस नेता ने कहा कि राष्ट्रपति को विधेयक वापस भेजे जाने के साथ ही उनका उद्देश्य पूरा हो गया। उन्होंने कहा, "तेलंगाना के लोगों का सपना जल्द ही यथार्थ रूप ले लेगा।"

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने राजनीतिक हित साधने के लिए लोगों को गुमराह करने के उद्देश्य से सीमांध्र के नेता के रूप में काम किया। मुख्यमंत्री के पूर्व की इस टिप्पणी की ओर कि आखिरी गेंद फेंके जाने तक कोई भी मैच खत्म नहीं होता, उन्होंने कहा, "अब कोई गेंद या बल्ला नहीं है। खेल का मैदान भी खाली पड़ा है।"

मुख्यमंत्री द्वारा पेश प्रस्ताव का बिंदुवार खंडन करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के लिए आंदोलन दुनिया के सबसे बड़े आंदोलनों में से एक है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आठ वर्षों तक हैदराबाद राज्य के रूप में तेलंगाना अस्तित्व में रहा था।

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यह दलील कि पृथक राज्य आर्थिक रूप से सक्षम नहीं रह पाएगा, का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती हैदराबाद निजामशाही के पास अपने उद्योग, रेलवे और यहां तक कि अपनी मुद्रा थी और यह दुनिया में दूसरे नंबर का धनी राज्य था।