दिल्ली-NCR में प्रदूषण की वजह से सांस लेना मुश्किल, आज भी हालात खराब

दिल्ली एनसीआर में शुक्रवार को प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर से भी ऊपर निकल गया.

दिल्ली-NCR में प्रदूषण की वजह से सांस लेना मुश्किल, आज भी हालात खराब

प्रतीकात्मक तस्वीर

खास बातें

  • दिल्ली-NCR में प्रदूषण की वजह से सांस लेना मुश्किल हुआ
  • मीटिंग में नहीं पहुंचे अधिकारी और सांसद
  • द्वारका इलाके में हवा की गुणवत्ता का स्तर 900 के भी पार पहुंचा
नई दिल्ली:

दिल्ली एनसीआर में आज भी हवा की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. शहर की हवा में लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है. लोग स्वच्छ हवा के लिए तरस गए हैं. भले ही ऑड ईवन स्कीम को लेकर कई दावे किए जा रहे हों लेकिन स्थिति में बहुत सुधार नहीं दिख रहा है. शुक्रवार को प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर से भी ऊपर निकल गया लेकिन प्रदूषण को लेकर अधिकारी और नेता कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि प्रदूषण को लेकर नगर विकास मंत्रालय की संसदीय समिति की बैठक में किसी को आने की फुर्सत ही नहीं मिली, जिसके कारण बैठक रद्द करनी पड़ी. शुक्रवार को दिल्ली के द्वारका इलाके में हवा की गुणवत्ता का स्तर 900 के भी पार पहुंच गया यानी दिल्ली गैस चैंबर बन चुकी है. लेकिन जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर दिल्ली वालों की फिक्र किसे है?

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प्रदूषण को लेकर नगर विकास मंत्रालय ने बैठक बुलाई थी. लेकिन इस बैठक को कुछ मिनटों में ही खत्म करना पड़ा. बैठक में न सांसद पहुंचे और न ही अधिकारी. 29 में से सिर्फ 5 सांसद ही बैठक में पहुंचे. बैठक में विशेष तौर पर बुलाए गए पर्यावरण सचिव और वन सचिव भी नहीं पहुंचे. दिल्ली नगर निगम के तीनों अधिकारी भी वहां नहीं पहुंचे. कमेटी के प्रमुख सांसद जगदंबिका पाल ने नाराज होकर कहा कि वो लोकसभा अध्यक्ष से इस बात की शिकायत करेंगे. 

जब ये खबर चली तब सबकी सफाइयां आनी शुरू हो गईं. इंदौर टेस्ट में कमेंट्री करते हुए वीवीएस लक्ष्मण के साथ पोहा-जलेबी खाते गौतम गंभीर ने अपनी कारोबारी प्रतिबद्धता का हवाला दिया और दावा किया कि दिल्ली के लिए वो काफी कुछ करते रहे हैं. एक बयान जारी कर उन्होंने कहा, 'अपने क्षेत्र और अपने शहर के प्रति मेरी प्रतिबद्धता पर जो काम हो रहा है, उसे जांचा जाना चाहिए. बीते छह महीने में मैंने कोई कसर नहीं छोड़ी है. गाजीपुर लैंडफिल को साफ करने के लिए नई तकनीक वाली मशीनें लगवाईं हैं. गरीबों के मुफ्त भोजन का इंतजाम किया है. महिलाओं के लिए सैनीटरी पैड वेंडिंग मशीन लगवाई है.'

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इन सबसे बीच सुप्रीम कोर्ट भी प्रदूषण को लेकर तल्ख नजर आया. पंजाब-हरियाणा, दिल्ली और यूपी के मुख्य सचिव तलब कर लिए गए. अदालत ने कहा कि आदेश के बावजूद इन्होंने कदम नहीं उठाए. चारों सचिव 29 नवंबर को पेश हों. अदालत ने यह भी कहा कि पराली जलाना रोकना होगा. ऑड-ईवन बहुत कारगर नहीं रहा है. 

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वहीं शुक्रवार को 15 दिन से लागू ऑड ईवन भी खत्म हो गया. दोबारा ऑड ईवन लगाया जाए या नहीं इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री सोमवार को रिव्यू करने की बात कह रहे हैं.