खास बातें
- राष्ट्रपति पद पर प्रणब मुखर्जी के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका दायर करते समय संगमा के वकील को न्यायालय के रजिस्ट्री ने इस अर्जी की जानकारी दी।
नई दिल्ली: लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष पीए संगमा द्वारा राष्ट्रपति पद पर प्रणब मुखर्जी के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका दायर करने से पहले ही प्रणब मुखर्जी ने उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) में मंगलवार को एक अर्जी दायर कर दी थी। इस अर्जी में उनके खिलाफ दायर होने वाली याचिका की प्रति मुहैया कराने का आग्रह किया गया था।
कानूनी भाषा में कैविएट नाम से चर्चित यह अर्जी प्रणब मुखर्जी के वकील समीर पारिख ने दायर की है।
राष्ट्रपति पद पर प्रणब मुखर्जी के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका दायर करते समय संगमा के वकील को न्यायालय के रजिस्ट्री ने इस अर्जी की जानकारी दी। इसमें अनुरोध किया गया था कि याचिका से सम्बंधित आवश्यक दस्तावेज की प्रति प्रणब मुखर्जी के वकील को मुहैया कराई जाए।
संगमा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सतपाल जैन ने प्रणब मुखर्जी की ओर से कैविएट दाखिल होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि चुनाव याचिका दायर होने से पहले ही मुखर्जी की ओर से यह अर्जी दाखिल होने से वह चकित थे। आमतौर पर इस तरह की अर्जी उन मामलों में दायर की जाती है जहां वादी पक्ष द्वारा न्यायालय से किसी अंतरिम आदेश का अनुरोध करने की संभावना हो। इस अर्जी के जरिये न्यायालय से कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं करने अनुरोध किया जाता है।
प्रणब मुखर्जी के वकील ने इस तरह की अर्जी दाखिल करने की पुष्टि तो की लेकिन इस बारे में और अधिक बात करने से इनकार कर दिया। लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष पीए संगमा ने मंगलवार को ही राष्ट्रपति पद पर प्रणब मुखर्जी के निर्वाचन को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है।