यह ख़बर 25 सितंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

कश्मीर के भविष्य पर हो जनमत संग्रह : प्रशांत भूषण

खास बातें

  • टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि सेना के बल पर कश्मीरियों को बहुत दिनों तक दबाव में रखना उचित नहीं है।
वाराणसी:

टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि सेना के बल पर कश्मीरियों को बहुत दिनों तक दबाव में रखना उचित नहीं है और कश्मीर का भविष्य तय करने के लिए जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए। काशी पत्रकार संघ की ओर से पराड़कर स्मृति भवन में प्रेस से मिलो कार्यक्रम में प्रशांत भूषण ने कहा कि कश्मीर का भविष्य तय करने के लिए जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि यह उनकी निजी राय है। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में उभरे चिंदबरम-प्रणब मतभेद एवं उस पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की राय पर प्रशांत भूषण ने कहा कि मनमोहन ऐसे ईमानदार व्यक्ति है, जो खुद पैसा नहीं लेते लेकिन अपने सभी मंत्रियों को पैसा दिलाते हैं। उन्होंने इसकी खुली छूट दे रखी है। इस लिहाज से देखें तो प्रधानमंत्री को भी दोषी माना जाना चाहिए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश जताते हुए कहा कि अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना का आंदोलन विस्तार पाता गया तो वह दिन दूर नहीं जब आपराधिक प्रवृति वाले जनप्रतिनिधि को जनमानस सार्वजनिक रूप से अपमानित करेगा। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया का नाम लेते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि बड़े ओहदों पर बैठे नौकरशाह कानूनी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। मोंटेक जैसे लोग जो विश्व बैंक से भी जुड़े रहे हैं, विश्व बैंक की कई आर्थिक नीतियों को देश पर थोपना चाहते है। यह हमें स्वीकार नहीं है। टीम अन्ना खुद पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में क्यों नहीं आती... इस सवाल पर प्रशांत भूषण ने कहा कि पार्टी बनाकर ईमानदार लोगों की खोज करना और उन्हें चुनाव क्षेत्र में उतारने में तमाम समस्याएं है। आम जन का यह प्रयास होना चाहिए कि भ्रष्टाचारियों को सत्ता से दूर रखा जाय और इसके लिए जन दबाव ही सबसे बड़ा हथियार है।


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