प्रशांत भूषण के वकील बोले, इतिहास बीते वर्षों को बार-बार देखेगा, तो SC ने कहा - हम ज्योतिषी नहीं

वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ कोर्ट की अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. एक हफ्ते पहले ही भूषण को कोर्ट के अवमानना का दोषी घोषित किया गया था. कोर्ट ने उन्हें आज की सुनवाई में उन्हें अपने लिखित बयान पर पुनर्विचार करने के लिए दो दिन का वक्त दिया है. मामले में अगली सुनवाई अगले हफ्ते हो सकती है.

प्रशांत भूषण के वकील बोले, इतिहास बीते वर्षों को बार-बार देखेगा, तो SC ने कहा - हम ज्योतिषी नहीं

अदालत की अवमानना केस में प्रशांत भूषण को बयान पर पुनर्विचार करने का वक्त मिला. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ कोर्ट की अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. एक हफ्ते पहले ही भूषण को कोर्ट के अवमानना का दोषी घोषित किया गया था. कोर्ट ने उन्हें आज की सुनवाई में उन्हें अपने लिखित बयान पर पुनर्विचार करने के लिए दो दिन का वक्त दिया है. भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उनको सजा दिए जाने का दुख नहीं है, उन्हें इस बात का दुख है कि उन्हें गलत समझा जा रहा है. उन्होंने अपने हलफनामे पर विचार न किए जाने के कोर्ट के फैसले पर निराशा जताई. उनके वकील राजीव धवन ने कहा कि 'इतिहास इन वर्षों को बार-बार देखेगा'. इसपर मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि 'हम ज्योतिषी नहीं है, यह कोर्ट तय करेगा'.

सुनवाई की अहम बातें

  1. प्रशांत भूषण के खिलाफ कोर्ट की अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भूषण को उनके बयान पर पुनर्विचार करने का वक्त दिया है. जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि कोर्ट का फैसला तब पूरा होगा, जब कोर्ट सजा सुना देगी. भूषण को दोषी ठहराए जाने के बाद गुरुवार को मामले में सजा पर बहस हो रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को भरोसा दिलाया कि अगर सजा दी भी तो पुनर्विचार याचिका के फैसले तक वो लागू नहीं होगी. जस्टिस मिश्रा ने कहा, 'अगर हम कोई सजा देते हैं, तो हम आपको आश्वासन देते हैं कि जब तक पुनर्विचार याचिका पर फैसला नहीं आ जाता, तब ये आदेश लागू नहीं होगा.'

  2. प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अवमानना मामले की सुनवाई टालने की मांग की थी. भूषण को न्यायपालिका और CJI के खिलाफ अपने दो ट्वीट्स के लिए अदालत की अवमानना का दोषी पाया गया था. भूषण ने अपनी याचिका में कहा कि वह अदालत की अवमानना का दोषी मानते हुए अपने फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने का इरादा रखते हैं. भूषण के मुताबिक शीर्ष अदालत सुनवाई को तब तक के लिए टाल दे जब तक कि सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका पर फैसला नहीं दे देता.

  3. जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि 'हम आपके साथ फेयर रहेंगे भले आप हमारे साथ फेयर रहे या नही.' जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि 'पुनर्विचार याचिका आप अभी भी दाखिल कर सकते हैं. ऐसा कोई संदेश नही जाना चाहिए कि आप जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच को अवॉइड कर रहे है.'

  4. दुष्यंत दवे ने कहा कि 'कोर्ट ऐसा संदेश देना चाहती है कि जस्टिस अरुण मिश्रा के रिटायर होने से पहले ही सजा सुनाना चाहती है. इस मामले की सुनवाई किसी दूसरे बेंच में भी की जा सकती है.' कोर्ट ने कहा कि 'आप ऐसा क्यूं जता रहे हैं जैसे आप जस्टिस मिश्रा की बेंच से बचना चाहते हैं?'

  5. सुप्रीम कोर्ट ने वकील प्रशांत भूषण को सजा को लेकर सुनवाई टालने से इंकार कर दिया तो इसपर दवे ने कहा कि 'आसमान नही गिर पड़ेगा अगर सजा पर बहस को टाल दिया जाए'. इसपर जस्टिस मिश्रा ने कहा कि 'ये नियम के खिलाफ है. हम आपको भरोसा देते हैं कि  जब तक पुनर्विचार याचिका का निस्तारण नही हो जाएगा सजा पर अमल नही होगा.'

  6. प्रशांत भूषण ने सुनवाई के दौरान कहा कि 'मैं दुखी हूं और मुझे पीड़ा भी हुई कि अदालत ने मुझे वह शिकायत नहीं प्रदान की जिसके आधार पर अवमानना ​​की गई थी. मैं इस बात से निराश हूं कि कोर्ट ने मेरे हलफनामे पर विचार नहीं किया. मेरा मानना ​​है कि संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा के लिए किसी भी लोकतंत्र में खुली आलोचना होनी चाहिए इसी के तहत मैने अपनी बात रखी थी.

  7. उन्होंने कहा, 'मेरे ट्वीट एक नागरिक के रूप में मेरे कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए थे. ये अवमानना के दायरे से बाहर हैं. अगर मैं इतिहास के इस मोड़ पर नहीं बोलता तो मैं अपने कर्तव्य में असफल होता. मैं किसी भी सजा को भोगने के लिए तैयार हूं जो अदालत देगी. माफी मांगना मेरी ओर से अवमानना के समान होगा. मेरे ट्वीट सद्भावनापूर्ण विश्वास के साथ थे. मैं कोई दया नहीं मांग रहा. ना उदारता दिखाने को कह रहा हूं, जो भी सजा मिलेगी वो सहज स्वीकार होगी.'

  8. वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि सजा देते समय कोर्ट को प्रशांत भूषण के योगदान को देखना चाहिए. इसपर जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा, 'मैंने अपने पूरे करियर में एक भी व्यक्ति को अदालत की अवमानना ​​का दोषी नहीं ठहराया है. यदि आप अपनी टिप्पणियों को संतुलित नहीं करते हैं, तो आप संस्थान को नष्ट कर देंगे. हम इतनी आसानी से अवमानना की सजा नहीं देते हैं. संतुलन तो होना ही है, संयम तो होना ही है. हर चीज के लिए एक लक्ष्मण रेखा होती है. आपको रेखा को क्यों पार करनी चाहिए?'

  9. सुप्रीम कोर्ट ने भूषण से अपने बयान पर पुनर्विचार करने के लिए कहा. जस्टिस मिश्रा ने कहा कि 'आप इस पर पुनर्विचार करते हैं। यहां केवल कानूनी विवेक लागू न करें.' भूषण ने कहा कि 'मैं इस पर पुनर्विचार कर सकता हूं लेकिन कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा. मैं अदालत का समय बर्बाद नहीं करना चाहता. मैं अपने वकीलों से सलाह लूंगा.' अटॉर्नी जनरल ने कहा कि प्रशांत भूषण को उनके स्टेटमेंट पर फिर से सोचने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए.

  10. भूषण के वकील राजीव धवन ने कहा कि 'कोर्ट के लिए पिछले 6 साल बहुत मुश्किल रहे हैं. वकीलों के लिए बहुत मुश्किल रहे हैं. एक दिन इतिहास इन वर्षों को बार-बार देखेगा.' इस पर जस्टिस मिश्रा ने कहा कि 'हम ज्योतिषी नहीं हैं। यह भविष्य को तय करना है.'