रामनाथ कोविंद 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं. इसके साथ ही 330 एकड़ में फैले 750 से ज्यादा स्टॉफ वाले राष्ट्रपति भवन उनका निवास स्थान होगा. मौजूदा व्यवस्था के तहत राष्ट्रपति को डेढ़ लाख रुपये वेतन मिलता है हालांकि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में राष्ट्र के प्रथम नागरिक यानी राष्ट्रपति के वेतन में 200 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है. इस प्रस्ताव के तहत राष्ट्रपति का वेतन पांच लाख रुपये मासिक होने की संभावना है. इससे पहले 2008 में राष्ट्रपति के वेतन में वृद्धि हुई थी और उनका 50 हजार से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये प्रतिमाह किया गया था.
7वें वेतन आयोग की सिफारिशें
राष्ट्रपति के वेतन में 200 फीसदी वृद्धि का फैसला उस वक्त लिया गया जब इन सिफारिशों के लागू होने के बाद कैबिनेट सेक्रेटरी का वेतन, राष्ट्रपति से भी ज्यादा हो गया. नई व्यवस्था के तहत केवल राष्ट्रपति ही नहीं, बल्कि उपराष्ट्रपति और राज्यपालों की सैलरी में भी बढ़ोतरी का प्रस्ताव मंजूर किया गया है.
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उपराष्ट्रपति की सैलरी
इस वक्त उपराष्ट्रपति की सैलरी 1.25 लाख रुपये है जोकि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद 3.5 लाख रुपये मासिक हो जाएगी. नई व्यवस्था का लाभ पूर्व राष्ट्रपतियों को भी मिलेगा. यानी कि पूर्व राष्ट्रपतियों को अब पेंशन के रूप में 1.5 लाख रुपये मिलेंगे. अभी तक यह इनको 75 हजार रुपये मासिक पेंशन मिलती है.
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