यह ख़बर 07 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर यूपीए पर बढ़ा दबाव

खास बातें

  • लालू यादव शुक्रवार को जब संसद पहुंचे तो हमेशा साथ दिखने वाले प्रेमचंद गुप्ता उनके साथ नहीं थे।
नई दिल्ली:

लालू यादव शुक्रवार को जब संसद पहुंचे तो हमेशा साथ दिखने वाले प्रेमचंद गुप्ता उनके साथ नहीं थे।

ऐसे समय पर जब यह बात सामने आ रही है कि गुप्ता के बेटों ने अपनी कंपनी के लिए कोल ब्लॉक मांगे जब वह यूपीए की पहली सरकार में कंपनी मामलों के मंत्री थे और उनके पद से हटने के एक महीने के भीतर ही उनको कोल ब्लॉक आवंटित कर दिया गया, कोशिशों के बावजूद प्रेमचंद गुप्ता मीडिया के सामने नहीं आए लेकिन लालू ने उनका बचाव किया।

पिछले कुछ दिनों में नेताओं से जुड़ी कंपनियों को कोल ब्लॉक आवंटन का यह तीसरा मामला है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय और महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री राजेंद्र दर्डा का नाम सामने आ चुका है।

अब बीजेपी फिर से कोयला आवंटन मामले की नए सिरे से जांच की मांग कर रही है। इस मामले को पिछले तीन साल से उठा रहे बीजेपी सांसद हंसराज अहीर ने एनडीटीवी से कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। यूपीए को दोषी नेताओं पर कार्रवाई करनी चाहिए।

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बीजेपी के नेता अब सरकार पर दबाव बढ़ाने की कवायद में जुट गए हैं। यानी देर−सवेर प्रेमचंद गुप्ता को इस मामले में सावर्जनिक तौर पर सफाई देनी होगी।