PM मोदी ने कहा - लॉकडाउन भले ही चला गया हो, लेकिन कोरोना वायरस अभी नहीं गया है

प्रधानमंत्री का संबोधन ऐसे समय में हुआ, जब बिहार में विधानसभा चुनाव सहित कई राज्यों में उपचुनाव हो रहे हैं और साथ ही दुर्गापूजा का त्योहार जारी है. इसके अलावा दशहरा, दीवाली व छठ जैसे पर्व नजदीक हैं.

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा, ''कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू से लेकर आजतक हम सभी भारतवासियों ने बहुत लंबा सफर तय किया है. समय के साथ आर्थिक गतिविधियों में भी धीरे-धीरे तेजी नजर आ रही है. हम में से अधिकांश लोग, अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए, फिर से जीवन को गति देने के लिए, रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं. त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है.''

उन्होंने कहा, ''हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है. बीते 7-8 महीनों में, प्रत्येक भारतीय के प्रयास से, भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में हैं, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है और अधिक सुधार करना है. आज देश में रिकवरी रेट अच्छी है, Fatality Rate कम है. दुनिया के साधन-संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है. कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में टेस्ट की बढ़ती संख्या हमारी एक बड़ी ताकत रही है.''

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''सेवा परमो धर्म: के मंत्र पर चलते हुए हमारे डॉकटर्स, नर्स, हेल्थ वर्कर्स इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं. इन सभी प्रयासों के बीच, ये समय लापरवाह होने का नहीं है. ये समय ये मान लेने का नहीं है कि कोरोना चला गया, या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है. कई लोगों ने अब सावधानी बरतना बंद कर दिया है। ये ठीक नहीं है. अगर आप लापरवाही बरत रहे हैं,  बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं,  तो आप अपने आप को, अपने परिवार को, अपने परिवार के बच्चों को, बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं.''

उन्होंने कहा, ''बरसों बाद हम ऐसा होता देख रहे हैं कि मानवता को बचाने के लिए युद्धस्तर पर काम हो रहा है. अनेक देश इसके लिए काम कर रहे हैं. हमारे देश के वैज्ञानिक भी vaccine के लिए  जी-जान से जुटे हैं. भारत में अभी कोरोना की कई वैक्सीन्स पर काम चल रहा है. इनमें से कुछ एडवान्स स्टेज पर हैं.कोरोना की वैक्सीन जब भी आएगी, वो जल्द से जल्द प्रत्येक भारतीय तक कैसे पहुंचे इसके लिए भी सरकार की तैयारी जारी है. एक-एक नागरिक तक वैक्सीन पहुंचे,  इसके लिए तेजी से काम हो रहा है.''

कोरोनावायरस को लेकर पीएम मोदी ने चेताया, ''याद रखिए, जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं. एक कठिन समय से निकलकर हम आगे बढ़ रहे हैं, थोड़ी सी लापरवाही हमारी गति को रोक सकती है. हमारी खुशियों को धूमिल कर सकती है. जीवन की ज़िम्मेदारियों को निभाना और सतर्कता ये दोनो साथ-साथ चलेंगे तभी जीवन में ख़ुशियां बनी रहेंगी. दो गज की दूरी,  समय-समय पर साबुन से हाथ धुलना  और  मास्क का ध्यान रखिए.''

प्रधानमंत्री का संबोधन ऐसे समय में हुआ, जब बिहार में विधानसभा चुनाव सहित कई राज्यों में उपचुनाव हो रहे हैं और साथ ही दुर्गापूजा का त्योहार जारी है. इसके अलावा दशहरा, दीवाली व छठ जैसे पर्व नजदीक हैं. संबोधन की जानकारी पीएम मोदी ने ट्वीट करके दी. उन्होंने लिखा कि ‘‘आज शाम छह बजे राष्ट्र के नाम संदेश दूंगा. आप जरूर जुड़ें.''

भारत में जब से कोरोना संक्रमण की शुरुआत हुई है तब से प्रधानमंत्री छह बार राष्ट्र के नाम संदेश जारी कर चुके हैं. यह उनका सातवां राष्ट्र के नाम संबोधन रहा. मार्च महीने में उन्होंने इसकी शुरुआत की थी और 19 मार्च को उन्होंने लोगों से जनता कर्फ्यू की अपील की थी. इस संबोधन में प्रधानमंत्री ने “हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ” का नारा दिया था. अपने इस संबोधन में उन्होंने 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सभी देशवासियों को जनता-कर्फ्यू का पालन करने का आग्रह किया था. उन्होंने लोगों से घरों से बाहर न निकलने की अपील की थी. प्रधानमंत्री ने सभी से कोरोना योद्धाओं के सम्मान में पांच मिनट ताली बजाकर, थाली बजाकर या फिर घंटी बजाकर हौसला बढ़ाने और सैल्यूट करने का आग्रह किया था.

इसके बाद 24 मार्च को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया था. उन्होंने अपने इस संबोधन में ‘‘जान है तो जहान है'' का नारा दिया था.

तीन अप्रैल को कोरोना काल में राष्ट्र के नाम अपने तीसरे संबोधन में प्रधानमंत्री ने देशवासियों से पांच अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाने का अनुरोध किया था.

इसके बाद 14 अप्रैल को चार हफ्तों में चौथी बार प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित किया. इसमें उन्होंने तीन मई तक लॉकडाउन बढाए जाने की घोषणा की थी. उन्होंने लोगों से घरों से न निकलने, उचित दूरी का पालन करने समेत सात नियमों का पालन करने का सभी से आग्रह किया था.

इसके बाद 12 मई को अगले राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने लॉकडाउन के चौथे चरण की घोषणा की थी. इस संबोधन में उन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी. उन्होंने आपदा को अवसर में बदलने का नारा दिया था.

इसके बाद 30 जून को प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपना संदेश दिया था. उस वक्त देश ‘‘अनलॉक-2'' में प्रवेश कर रहा था. मोदी ने उस वक्त कहा था कि दुनिया के अनेक देशों की तुलना में भारत संभली हुई स्थिति में है. इस संबोधन में उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के नवंबर तक विस्तार की घोषणा की थी. इस योजना के तहत 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को हर महीने, परिवार के हर सदस्य को पांच किलो गेहूं या चावल और एक किलो चना मुफ्त मुहैया कराने का प्रावधान है.

प्रधानमंत्री का यह संबोधन ऐसे समय में हो रहा है जब देश में कोरोना के मामलों में कमी आई है. खुद प्रधानमंत्री ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है और इससे ठीक होने की दर 88 प्रतिशत तक पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए संभव हो सका, क्योंकि भारत सबसे पहले लॉकडाउन लगाने वाले देशों में था. 

भारत में मंगलवार को करीब तीन महीने बाद कोविड-19 के दैनिक नए मामले 50,000 से कम आए. कोरोना वायरस संक्रमण के नये दैनिक मामले कम होकर अब 46,790 पर आ गये. इन नये मामलों के साथ देश में अब संक्रमण के कुल मामले 75,97,063 हैं.

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकड़ों के अनुसार, एक दिन में कुल 46,790 नये मामले सामने आए, जबकि पिछले 24 घंटे के अंतराल में बीमारी से 587 और मौतें होने से देश में अब इस महामारी में मरने वाले लोगों की संख्या 1,15,197 हो गई.