Mann Ki Baat : फिटनेस इंडिया चैलेंज पर बोले पीएम मोदी, जितना हम खेलेंगे, देश उतना ही खिलेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी मई के आखिरी रविवार को देशवासियों से रेडियो के माध्यम से 'मन की बात' कार्यक्रम को संबोधित किया.

Mann Ki Baat : फिटनेस इंडिया चैलेंज पर बोले पीएम मोदी, जितना हम खेलेंगे, देश उतना ही खिलेगा

मन की बात को संबोधित करते पीएम मोदी

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी मई के आखिरी रविवार को देशवासियों से रेडियो के माध्यम से 'मन की बात' कार्यक्रम को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने मन की बात का आरम्भ भारतीय नौ-सेना की 6 महिला कमांडरों द्वारा 250 से भी ज़्यादा दिन समुद्र के माध्यम से आईएनएस तारिणी में पूरी दुनिया की सैर कर 21 मई को भारत वापस आने पर उन्हें नौ सेना और भारत का मान-सम्मान बढ़ाने के लिये बधाई देते हुए किया. मन की बात के 44वें संस्करण को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिटनेस चैंलेज के बारे में बात की और कहा कि हम जितना खेलेंगे, देश उतना ही खिलेगा. साथ ही पीएम मोदी ने ईद की बधाई भी दी और कहा कि ईद का त्योहार समाज में सद्भाव का बंधन मजबूत करेगा.
 

मन की बात LIVE Updates: 


-  पीएम मोदी ने कहा कि अब से कुछ दिनों बाद लोग चांद की भी प्रतीक्षा करेंगे. चांद दिखाई देने का अर्थ यह है कि ईद मनाई जा सकती है. रमज़ान के दौरान एक महीने के उपवास के बाद ईद का पर्व जश्न की शुरुआत का प्रतीक है. मुझे विश्वास है कि सभी लोग ईद को पूरे उत्साह से मनायेंगे. इस अवसर पर बच्चों को विशेष तौर पर अच्छी ईदी भी मिलेगी. आशा करता हूं कि ईद का त्योहार हमारे समाज में सद्भाव के बंधन को और मज़बूती प्रदान करेगा. सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं.

-  मन की बात में पीएम मोदी ने उड़ीसा के कटक शहर के झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले डी. प्रकाश राव की कहानी भी सुनाई और कहा कि उनकी कहानी हमें प्रेरणा देती है.

- मन की बात में वीर सावरकर को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस मई महीने से वीर सावरकर की याद भी जुड़ी हुई है. 1857 में ये मई का ही महीना था, जब भारतवासियों ने अंग्रेजों को अपनी ताकत दिखाई थी. देश के कई हिस्सों में हमारे जवान और किसान अपनी बहादुरी दिखाते हुए अन्याय के विरोध में उठ खड़े हुए थे. बहुत लम्बे समय तक 1857 की घटनाओं को केवल विद्रोह या सिपाही विद्रोह कहा जाता रहा. वीर सावरकर ने ही निर्भीक हो कर लिखा कि 1857 में जो कुछ भी हुआ वो कोई विद्रोह नहीं था बल्कि आजादी की पहली लड़ाई थी. आमतौर पर वीर सावरकर को उनकी बहादुरी और ब्रिटिश राज के खिलाफ़ उनके संघर्ष के लिए जानते हैं लेकिन इन सबके अलावा वे एक ओज़स्वी कवि और समाज सुधारक भी थे. शस्त्र और शास्त्र दोनों के उपासक थे जिन्होंने हमेशा सद्भावना और एकता पर बल दिया. सावरकर जी के बारे में हमारे प्रिय आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा था – सावरकर माने तेज़, सावरकर माने त्याग, सावरकर माने तप, सावरकर माने तत्व, सावरकर माने तर्क, सावरकर माने तारुण्य, सावरकर माने तीर, सावरकर माने तलवा.

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से योग की विरासत को आगे बढ़ाने और एक स्वस्थ, खुशहाल और सद्भावपूर्ण राष्ट्र का निर्माण करने की अपील की. और कहा कि  पूरा विश्व 21 जून को इंटरनेशनल योगा डे के रूप में मनाया जाता है और ये सर्व-स्वीकृत हो चुका है जिसके लिए लोग महीनों पहले तैयारियां शुरू कर देते हैं. सारी दुनिया में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की भरसक तैयारियां चल रही हैं. 

- बारिश का मौसम आने वाला है और हम इस बार रिकॉर्ड वृक्षारोपण का लक्ष्य ले सकते हैं और केवल वृक्ष लगाना ही नहीं बल्कि उसके बड़े होने तक उसके रख-रखाव की व्यवस्था करने का भी संकल्प ले सकते हैं. : पीएम मोदी 

- पीएम मोदी ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पूण्यतिथि पर उन्हें याद किया और कहा कि आज 27 मई को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी की पुण्यतिथि है. मैं पंडित जी को प्रणाम करता हूं.

हमें प्रकृति के साथ सदभाव से रहना है, प्रकृति के साथ जुड़ करके रहना है. महात्मा गाँधी ने जीवन भर इस बात की वकालत की थी, आज भारत क्लाइमेट जस्टिस की बात करता है और भारत ने Cop 21 और Paris समझौते में प्रमुख भूमिका निभाई. हमनें International solar alliance के माध्यम से पूरी दुनिया को एकजुट किया तो इन सबके मूल में महात्मा गांधी के सपने को पूरा करने का एक भाव था. इस पर्यावरण दिवस पर हम सब इस बारे में सोचें कि हम अपने प्लेनेट को स्वच्छ और हरित बनाने के लिए क्या कर सकते हैं? : पीएम मोदी 

- जब भयंकर गर्मी होती है,बाढ़ होती है, बारिश थमती नहीं है, असहनीय ठंड पड़ जाती है तो हर कोई एक्सपर्ट बन करके ग्लोबल वॉर्मिंग, जलवायु परिवर्तन की बातें करता है लेकिन बातें करने से बात नहीं बनती है. प्रकृति के प्रति संवेदनशील होना,उसकी रक्षा करना,हमारा स्वभाव होना चाहिए. : पीएम मोदी 

आने वाली 5 जून को हमारा देश आधिकारिक तौर पर विश्व पर्यावरण को होस्ट करेगा. यह भारत के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इसका परिचायक भी है कि जलवायु परिवर्तन को कम करने की दिशा में विश्व में भारत के बढ़ते नेतृत्व को भी स्वीकृति मिल रही है.: पीएम मोदी 

- इन खेलों को खेलने की कोई उम्र तो है ही नहीं .बच्चों से ले करके दादा-दादी, नाना-नानी जब सब खेलते हैं तो यह जो जेनेरेशन गैप होता है, वो भी छू-मंतर हो जाता है .साथ-ही-साथ हम अपनी संस्कृति और परम्पराओं को भी जानते हैं.
कई खेल हमें समाज, पर्यावरण आदि के बारे में भी जागरूक करते हैं. कभी-कभी चिंता होती है कि कहीं हमारे ये खेल खो न जाएं और  सिर्फ खेल ही नहीं खो जाएगा, कहीं बचपन ही खो जाएगा और फिर कुछ  कविताओं को सुनते रह जायेंगे. : पीएम मोदी 

-  खेल सिर्फ खेल ही नहीं होते हैं, वह जीवन के मूल्यों को भी सिखाते हैं - जैसे लक्ष्य तय करना, दृढ़ता हासिल करना, टीम स्पिरिट  का पैदा होना, परस्पर सहयोग की भावना को कैसे विकसित करना है.

मेरे लिए खुशी की बात है कि मुझे भी भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान जी ने चैलेंज किया है और मैंने भी उनके चैलेंज को स्वीकार किया है. मैं मानता हूँ कि ये बहुत अच्छी चीज है और इस तरह का चैलेंज हमें फिट रखने और दूसरों को भी फिट रहने के लिए प्रोत्साहित करेगा- पीएम मोदी

सोशल मीडिया  पर लोग fitness challenge के वीडियो शेयर कर रहे हैं.  उसमें एक-दूसरे को टैग कर उन्हें चैलेंज कर रहे हैं. फिट इंडिया के इस अभियान से आज हर कोई जुड़ रहा है. चारों तरफ़ से एक ही गूंज सुनाई दे रही है – ‘हम फिट तो इंडिया फिट’: पीएम मोदी

- अभी दो महीने पहले जब मैंने फिट इंडियाकी बात की थी तो मैंने नहीं सोचा था कि इस पर इतना अच्छा रिस्पॉन्स आएगा.इतनी भारी संख्या में हर क्षेत्र से लोग इसके सपोर्ट आगे आएंगे. जब मैं फिट की बात करता हूँ तो मैं मानता हूं कि जितना हम खेलेंगे, उतना ही देश खेलेगा" : पीएम मोदी

- वर्षों से लोग एवरेस्ट की चढ़ाई करते रहे हैं और ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने सफलतापूर्वक इसे पूरा किया है. मैं इन सभी साहसी वीरों को, ख़ासकर के बेटियों को ह्रदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं. : पीएम मोदी

अभी पिछले दिनों ‘स्वच्छ गंगा अभियान’ के तहत बीएसएफ के एक ग्रुप ने एवेरेस्ट की चढ़ाई की, पर पूरी टीम एवेरेस्ट से ढ़ेर सारा कूड़ा अपने साथ नीचे उतार कर लायी. यह कार्य प्रशंसनीय तो है ही, साथ-ही-साथ यह स्वच्छता के प्रति, पर्यावरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है. : पीएम मोदी 

अजीत बजाज और उनकी बेटी दीया एवेरेस्ट की चढ़ाई करने वाली पहली भारतीय पिता-पुत्री की जोड़ी बन गयी .ऐसा ही नहीं कि केवल युवा ही एवरेस्ट की चढ़ाई कर रहे हैं. संगीता बहल ने 19 मई को एवेरेस्ट की चढ़ाई की और संगीता बहल की आयु 50 से भी अधिक है. : पीएम मोदी

"हाल ही में 16 वर्षीय शिवांगी पाठक, नेपाल कि ओर से एवेरेस्ट फ़तह करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला बनी .बेटी शिवांगी को बहुत-बहुत बधाई.: पीएम मोदी

- इन युवाओं को ‘मिशन शौर्य’ के तहत चुना गया था और नाम के ही अनुरूप एवेरेस्ट फतह कर उन्होंने पूरे देश को गौरवान्वित किया है. मैं चंद्रपुर के स्कूल के लोगों को, इन मेरे नन्हे-मुन्हे साथियों को, ह्रदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं.: पीएम मोदी

- पीएम ने कहा कि सदियों से एवेरेस्ट मानव जाति को ललकारता रहा है और बहादुर लोग इस चुनौती को स्वीकारते भी रहे हैं.16 मई को महाराष्ट्र के चंद्रपुर के आश्रम-स्कूल के 5 आदिवासी बच्चों–मनीषा धुर्वे, प्रमेश आले,उमाकान्त मडवी,कविदास कातमोड़े,विकास सोयाम–ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई की. 

-  पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम मानव जाति की विकास यात्रा देखें तो पायेंगे कि किसी-न-किसी एडवेंचर की कोख में ही प्रगति पैदा हुई है.विकास एडवेंचर की गोद में ही तो जन्म लेता है.कुछ लीक से हटकर कर गुजरने का इरादा,कुछ असाधारण करने का भाव,इनसे युगों तक,कोटि-कोटि लोगों को प्रेरणा मिलती रहती है.


बता दें कि मन की बात के 43वें संस्करण में पीएम मोदी ने खिलाड़ियों और युवाओं की बात की. कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाले बेटियों के हौसलों को सराहा और कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को बधाई दी. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे खिलाडियों ने भी देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया और एक-के-बाद एक मेडल जीतते ही चले गए. चाहे शूटिंग हो, रेस्लिंग हो, वेटलिफ्टिंग हो, टेबल टेनिस हो या बैटमिंटन हो भारत ने रिकॉर्ड प्रदर्शन किया. 

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इससे पहले 42वें संस्करण में पीएम मोदी ने किसानों से लेकर लोगों के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रखी. पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी मन की बात कार्यक्रम में कई ऐसे लोगों का उल्लेख किया, जिन्होंने समाज में अपना योगदान कुछ अलग काम करके दिया है. उन्होंने कानपुर के डॉक्टर से लेकर असम के रिक्शा चालक का जिक्र किया जिनके सरोकार से समाज को फायदा पहुंच रहा है. 

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गौरतलब है 'मन की बात' आकाशवाणी पर प्रसारित किया जाने वाला एक कार्यक्रम है जिसके जरिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के नागरिकों को संबोधित करते हैं. इस कार्यक्रम का पहला प्रसारण 3 अक्तूबर 2014 को किया गया था. जनवरी 2015 में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी उनके साथ इस कार्यक्रम में भाग लिया था तथा भारत की जनता के प्रश्नों के उत्तर दिए थे.

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