जुबानी जंग के बाद पीएम मोदी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने मिलाया हाथ

गुजरात चुनाव अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच जारी राजनीतिक वाद-विवाद और आरोप-प्रत्‍यारोप के बीच दोनों नेता पहली बार बुधवार को संसद भवन परिसर में मिले.

जुबानी जंग के बाद पीएम मोदी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने मिलाया हाथ

संसद हमले की 16वीं बरसी के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने गर्मजोशी के साथ एक दूसरे से की मुलाकात

खास बातें

  • संसद हमले की 16वीं बरसी के दौरान मिले पीएम मोदी और पूर्व पीएम मनमोहन
  • राहुल गांधी और रविशंकर प्रसाद भी गर्मजोशी के साथ मिले
  • बीजेपी के कई वरिष्‍ठ नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी से की मुलाकात
नई दिल्ली:

गुजरात चुनाव अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच जारी राजनीतिक वाद-विवाद और आरोप-प्रत्‍यारोप के बीच दोनों नेता पहली बार बुधवार को संसद भवन परिसर में मिले. 

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ये मौका था संसद पर आतंकी हमले की 16वीं बरसी का. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीदों को नमन करने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ गर्मजोशी के साथ मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान पहले पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह को हाथ जोड़कर नमस्‍कार किया और बाद में उनके साथ हाथ मिलाया. 
 

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पीएम मोदी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह एक दूसरे को हाथ जोड़ते हुए 

इससे पहले गुजरात में पिछले रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते कहा था कि पाकिस्तान राज्य के विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने दावा कि कुछ पाकिस्तानी अधिकारी एवं मनमोहन की कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के घर छह दिसंबर को बैठक हुई. इसके एक दिन बाद ही अय्यर ने मोदी को अपनी एक टिप्पणी में ‘नीच आदमी’ कहा था.

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राहुल गांधी और रविशंकर प्रसाद एक दूसरे से हाथ मिलाते हुए 

इस बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए और प्रधानमंत्री मोदी के दावों को खारिज करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन ने कहा था कि मणिशंकर अय्यर द्वारा दिये गये रात्रिभोज पर मैंने गुजरात चुनाव के बारे में न तो किसी व्यक्ति से चर्चा की और न ही गुजरात का मुद्दा किसी तरह से चर्चा में आया. चर्चा केवल भारत पाक संबंधों तक सीमित रही. मोदी ने जिस बैठक का उल्लेख किया है दरअसल वह अय्यर द्वारा भारत आये पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री महमूद कसूरी के सम्मान में दिया गया रात्रि भोज था.

मनमोहन ने कहा कि उनके एवं पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी के अलावा अय्यर द्वारा कसूरी के सम्मान में दिये गये रात्रिभोज में पाकिस्तान के उच्चायुक्त, नटवर सिंह, के एस वाजपेयी, अजय शुक्ला, शरद सब्बरवाल, जनरल दीपक कपूर, टीसीए राघवन, सतीन्द्र के लाम्बा, एम के भद्रकुमार, सी आर गरेखान, प्रेमशंकर झा, सलमान हैदर एवं राहुल सिंह मौजूद थे. उन्होंने कहा, ‘‘इनमें से किसी पर भी देशद्रोह का इल्जाम लगाना सरासर झूठ एवं अधर्म होगा.’’ पूर्व राजनयिक लाम्बा एवं पूर्व राजनयिक गरेखान ने कहा कि उस रात्रिभोज में भारत पाक संबंधों पर आम चर्चा हुई थी. गरेखान ने एक समाचार चैनल से कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की राजनीति पर चर्चा नहीं हुई. पूर्व सेना प्रमुख जनरल कपूर के हवाले से भी कहा गया कि इस रात्रि भोज में गुजरात चुनाव पर बिल्कुल चर्चा नहीं हुई.

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मनमोहन ने कहा, ‘‘न तो कांग्रेस पार्टी और न ही मुझे राष्ट्रभक्ति पर ऐसे प्रधानमंत्री या एक ऐसी पार्टी से उपदेश चाहिए, जिनका उग्रवाद से लड़ने का रिकार्ड ढुलमुल रहा है. मैं श्री नरेन्द्र मोदी को याद दिलाना चाहता हूं कि वे उधमपुर एवं गुरदासपुर के आतंकवादी हमलों के बावजूद बिन बुलाये पाकिस्तान गये.’’ उन्होंने प्रधानमंत्री से सवाल किया, ‘‘क्या वे देश को बताएंगे कि किन कारणों से उन्होंने पाकिस्तान में रचे गये पठानकोट हमले के बाद पाकिस्तान की बदनाम आईएसआई को सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण पठानकोट एयरबेस पर जांच के लिए आमंत्रित किया था.’’ 

 

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