पंजाब के आम आदमी पार्टी के विधायक सुखपाल सिंह खैरा.
खालिस्तान के मुद्दे पर जनमत संग्रह कराए जाने की कथित रूप से वकालत करने के मामले में पंजाब के आम आदमी पार्टी के विधायक सुखपाल सिंह खैरा चर्चा में हैं. हालांकि खैरा ने जनमत संग्रह का समर्थन करने की बात से इनकार किया है. खैरा आम आदमी पार्टी से पहले लंबे समय तक कांग्रेस के नेता रहे हैं और इसी पार्टी से विधायक भी चुने गए थे. वे 2007 से 2012 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं.
13 जनवरी 1965 को पंजाब के कपूरथला में जन्मे 53 वर्षीय सुखपाल खैरा भोलाथ से विधायक हैं. उन्होंने इस सीट पर 2017 में हुए चुनाव में जागीर कौर को हराया था. बिशप कॉटन स्कूल और पंजाब यूनिवर्सिटी के चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में शिक्षित खैरा की पत्नी का नाम जतिंदर कौर खैरा है. सुखपाल खैरा के पिता सुखविंदर सिंह खैरा राज्य में अकाली सरकार में शिक्षा मंत्री थे.
खैरा 2015 में आम आदमी पार्टी से जुड़े. इससे पहले वे कांग्रेस के सक्रिय नेता थे और पंजाब यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रहे. कांग्रेस से 2007 में विधायक बने और विधानसबा में विपक्ष के नेता बनाए गए. साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में खैरा को हार का सामना करना पड़ा.
VIDEO : खालिस्तान को लेकर घिरे खैरा
खालिस्तान को लेकर जनमत संग्रह करने का कथित रूप से समर्थन करने पर सुखपाल खैरा और उनकी पार्टी आप घिर गई है. सुखपाल खैरा ने इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने खालिस्तान के मुद्दे पर जनमत संग्रह का समर्थन किया था. इस मामले में सुखपाल खैरा ने दिल्ली आकर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से मुलाकात की और सफाई दी. बताया जाता है कि सिसोदिया ने खैरा को जमकर फटकारा. सिसोदिया ने कहा कि जनमत संग्रह जैसे बयानों को पार्टी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी. इस मुलाकात के बाद खैरा ने विरोधी नेताओं को चुनौती दी कि वे उनके बयान का वीडियो क्लिप दिखाएं.
Advertisement
Advertisement