कोरोना टीकाकरण अभियान में निजी क्षेत्र की बड़ी भागीदारी जल्द होगी : नीति आयोग के सदस्य

उन्होंने कहा, “जिस तरह हम कोरोना टीकाकरण अभियान में काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. इससे मानकर चलिए हम कुछ ही दिनों में निजी क्षेत्रों की भागीदारी इसमें और बढ़ा देंगे. बस कुछ ही दिनों की बात है. थोड़ा इंतजार कीजिए.”

कोरोना टीकाकरण अभियान में निजी क्षेत्र की बड़ी भागीदारी जल्द होगी : नीति आयोग के सदस्य

डॉ. वीके पॉल ने कहा कि COVID-19 टीकाकरण अभियान में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ेगी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

कोविड-19 टीकाकरण अभियान में निजी क्षेत्र के बड़े पैमाने की भागीदारी का विवरण कुछ ही दिनों में उपलब्ध होगा. ये जानकारी नीति आयोग के सदस्य और कोरोना टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ वीके पॉल ने NDTV से बात करते हुए दी. उन्होंने बताया कि अभी तक 1.07 करोड़ से अधिक टीका की खुराक हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए भेजे जा चुके हैं. डॉ पॉल ने कहा कि वर्तमान में भी हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए कोरोना टीकाकरण अभियान में निजी क्षेत्र को प्रमुख रूप से शामिल किया गया है. इस अभियान में किसी भी दिन 10,000 टीकाकरण सत्रों में से 2,000 का संचालन निजी क्षेत्र के भागीदारी से किया जा रहा है. उन्होंने कहा, “जिस तरह हम कोरोना टीकाकरण अभियान में काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. इससे मानकर चलिए हम कुछ ही दिनों में निजी क्षेत्रों की भागीदारी इसमें और बढ़ा देंगे. बस कुछ ही दिनों की बात है. थोड़ा इंतजार कीजिए.”

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नीति आयोग के सदस्य ने कहा, “कोविड-19 टीकाकरण अभियान में निजी क्षेत्र की पूर्ण रूप से भागीदारी आवश्यक होगी. क्योंकि इससे आबादी के अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकेगा. अभी केवल हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को ही टीका लगाया जा रहा है. लेकिन इसमें काफी लोग ऐसे भी हैं जो अभी भी टिकाकरण से बच रहे हैं, जबकि सरकार द्वारा बार-बार स्पष्ट किया गया है कि यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित हैं. यह हमारे लिए चिंता का विषय है.” उन्होंने कहा कि वो रूसी कोरोना वैक्सीन 'स्पुतनिक-V' के भारत में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी की प्रक्रिया शुरू होने पर बहुत खुश हैं. लैंसेट मेडिकल जर्नल द्वारा 'स्पुतनिक-V' की सह-समीक्षा करके भारत में परीक्षण किया जा रहा है और डॉक्टर रेड्डी लैबोरेटरीज में इसका निर्माण किया जा रहा है. वर्तमान में टीकाकरण अभियान में हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को दो टीके लगाए जा रहे हैं, जिसमें से एक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का कोविशील्ड है और दूसरा भारत बायोटेक की कोवैक्सीन.

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डॉ पॉल ने कहा, स्पुतनिक के लिए डॉक्टर रेड्डी लैबोरेटरीज की तरफ से ड्रग्स कंट्रोलर ऑफ इंडिया (DGCI) के पास प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवेदन किया गया है. हम इस प्रक्रिया को बहुत तेजी से आगे बढ़ाना चाहते हैं, क्योंकि हम टीका के रूप में अधिक विकल्प चाहते हैं.” रूसी टीका 'स्पुतनिक-V' के लिए 36,000 लोगों पर परीक्षण किया गया है, जिनमें से 33,000 रूसी नागरिक हैं. इसके अलावा, भारत और यूएई में इस पर अध्ययन किया जा रहा है. भारत में 'स्पुतनिक-V' का परीक्षण 1,600 लोगों पर किया गया है. डॉ पॉल ने कहा, महाराष्ट्र और पंजाब जैसे कुछ राज्यों में हाल के दिनों में कोविड-19 के मामले बढ़ें हैं. भारत में कोरोनोवायरस के कम से कम 240 नए स्ट्रेन सामने आए हैं, जो पिछले सप्ताह के आंकड़ों से काफी ज्यादा है.

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