हाथरस गैंगरेप की घटना को लेकर योगी आदित्यनाथ पर फूटा प्रियंका गांधी का गुस्सा.
नई दिल्ली: हाथरस गैंगरेप (Hathras Gangrape) की घटना फिर पीड़िता का यूपी पुलिस की ओर से जबरन अंतिम संस्कार करने को लेकर देशभर में फैले गुस्से के बीच कांग्रेस नेता प्रियंका गांंधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने बुधवार को ट्वीट कर बताया कि जब पीड़िता के पिता को उसकी मौत का पता चला था, तब वो उनके साथ फोन पर थीं. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी गुस्सा उतारा. उन्होंने कहा कि 'मुख्यमंत्री को पद पर रहने को कोई नैतिक अधिकार नहीं है.'
एक के बाद एक कई ट्वीट कर प्रियंका गांधी ने बताया कि जब वो पीड़िता के पिता से फोन पर बात कर रही थीं, तभी उसकी मौत की खबर आई. उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'मैं हाथरस पीड़िता के पिता के साथ फोन पर बात कर रही थी, तभी उन्हें बताया कि उनकी बेटी गुजर गई. मैंने उन्हें निराशा में रोते हुए सुना.'
उन्होंने मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगते हुए आगे लिखा, 'वो मुझे अभी बता ही रहे थे कि वो बस अपनी बच्ची के लिए इंसाफ चाहते हैं. पिछली रात उनसे उनकी बेटी को आखिरी बार घर ले जाने और उसका अंतिम संस्कार करने का हक भी छीन लिया गया. पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा करने के बजाय आपकी सरकार, यहां तक की उसकी मौत के बाद भी उसके हर मानवाधिकार को छीनने में लगी रही. आपके पास मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.'
प्रियंका गांधी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि 'रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उप्र प्रशासन ने जबरन जला दिया. जब वह जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी. जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया. पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया. घोर अमानवीयता. आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया. अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी इस्तीफा दें. आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है.'
एक वीडियो सामने आया है, जिसमें पीड़िता के पिता प्रियंका गांधी के साथ फोन पर हैं और मौत की बात पता चलते ही फूट-फूटकर रोने लगते हैं. वो फोन अपने पास बैठे किसी संबंधी को पकड़ा देते हैं. प्रियंका गांधी उस संबंधी से पूछती हैं कि क्या पीड़िता को अंतिम संस्कार करने के लिए घर लाने का कोई प्रबंध किया गया है. वो यह भी पूछती हैं कि परिवार क्या चाहता है. इसपर उस संबंधी ने कहा, 'हम न्याय चाहते हैं. हम अपराधियों को फांसी पर देखना चाहते हैं.'
बता दें कि मामले में और दुखदायी मोड़ तब आ गया है, जब यूपी पुलिस की पीड़िता के साथ असंवेदनशीलता सामने आई है. दरअसल, यूपी पुलिस ने मंगलवार की आधी रात के बाद 2,30 बजे अंधेरे में पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया है, वो भी बिना परिवार के. परिवार का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें कमरे में बंद कर दिया था और उन्हें आखिरी बार बेटी का चेहरा भी देखने नहीं दिया गया.
Video: हाथरस गैंगरेप केस : विरोध के बीच जबरन अंतिम संस्कार