जम्मू कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री बन सकती हैं महबूबा मुफ्ती

जम्मू कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री बन सकती हैं महबूबा मुफ्ती

महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो)

जम्‍मू-कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री मुफ्ती मोहम्‍मद सईद का 79 वर्ष की उम्र में दिल्‍ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। दो बार जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री पद पर रह चुके मुफ्ती के निधन के बाद अब सभी की नज़रें उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती पर है जो राज्य के सीएम पद की कमान संभाल सकती हैं। गौरतलब है कि मुफ्ती मोहम्मद सईद, भारत के पहले मुसलमान गृहमंत्री थे और पिछले करीब 15 सालों से कश्मीर की राजनीति में ख़ासा दख़ल रखने वाली महबूबा अब जम्मू कश्मीर की पहली महिला सीएम बन सकती हैं।

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पढ़े - मुफ्ती मोहम्मद का निधन
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काफी समय तक कांग्रेस का हिस्सा रहे सईद ने 1999 में अपनी बेटी महबूबा के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी (JKPDP) का गठन किया था। वहीं महबूबा ने 1996 में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की थी जब भारत सरकार ने पहली बार जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के आयोजन की घोषणा की थी।
 
पहले चुनाव में जीत
महबूबा ने कानून की पढ़ाई की है और बताया जाता है कि अपने पिता के मुख्यमंत्री बनने के 27 साल के सपने को पूरा करने में बहुत हद तक उनका हाथ है। 1996 में जब मुफ्ती ने कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम रखा था, उस वक्त कश्मीर में भारतीय संविधान के तहत चुनाव लड़ने की हिम्मत हर किसी में नहीं थी। उस वक्त जब कश्मीर में अलगाववादियों का विद्रोह चरम पर था मुफ्ती की बेटी ने जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में एक राष्ट्रीय पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ा जिसमें वह सफल रही।
 

 

कश्मीर जैसे रुढ़िवादी राज्य में एक महिला होते हुए महबूबा का सक्रिय राजनीति में होना अपने आपमें एक बड़ी बात है, हालांकि बात सिर्फ इतनी सी नहीं है, राज्य और राष्ट्रीय राजनीतिक पटल पर भी महबूबा ने अपनी पार्टी का मजबूत प्रतिनिधित्व किया है। महबूबा अब तक दक्षिण कश्मीर से एक बार भी चुनाव नहीं हारी हैं और 2014 में दक्षिण कश्मीर से उन्होंने लोकसभा सदस्य के रूप में फिर से वापसी की थी।
 
50 साल की महबूबा अपने पिता की जिम्मेदारियों को जल्द ही संभालेंगी, इसके कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे लेकिन खबरें थी कि पीडीपी की सहयोगी पार्टी भाजपा को महबूबा की चरमपंथियों के प्रति नरमी और कट्टर अलगाववादी विचार पसंद नहीं थे। भाजपा की ओर से हालांकि अभी तक किसी ने भी महबूबा को इस पद पर बठाए जाने की बात का विरोध नहीं किया है लेकिन इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान लेगा।