यह ख़बर 28 जनवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

तेलंगाना समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प, गवर्नर से मिले कांग्रेस नेता

खास बातें

  • अलग तेलंगाना राज्य को लेकर केंद्र सरकार की ओर से तय की गई समय सीमा खत्म हो चुकी है, लेकिन मसले का कोई हल अभी नहीं निकला है।
हैदराबाद:

केंद्र सरकार द्वारा पृथक तेलंगाना राज्य के गठन संबंधित निर्णय को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के एक दिन बाद सोमवार को इस क्षेत्र में फिर से उबाल आ गया है, और प्रदर्शनकारी पृथक राज्य के गठन की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं।

सोमवार दोपहर को बैठक करने जा रहे कांग्रेस के कुछ विधायकों और मंत्रियों द्वारा इस्तीफा दे सकने की चर्चाओं के बीच वरिष्ठ नेता और राज्य के पंचायती राज मंत्री जना रेड्डी ने सोमवार को राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन से मुलाकात की। दरअसल, कांग्रेस के भीतर ही तेलंगाना के मुद्दे पर मतैक्य नहीं है, क्योंकि तेलंगाना क्षेत्र के पार्टी विधायक नए राज्य की मांग कर रहे हैं, जबकि अन्य दोनों इलाकों - सीमांत आंध्र और रायलसीमा- के विधायक ऐसा नहीं चाहते।

उल्लेखनीय है कि राज्य की किरण रेड्डी सरकार के पास जो बहुमत है, वह बहुत मामूली है, क्योंकि 294 सीटों वाली विधानसभा में 148 सीटों के साथ उन्हें सिर्फ एक सीट से बहुमत मिला हुआ है, और यदि उनके तेलंगाना इलाके के विधायकों ने इस्तीफा दे दिया तो सरकार संकट में आ जाएगी।

इसके साथ ही लगातार दूसरे दिन उस्मानिया विश्वविद्यालय में तनाव बरकरार है। पुलिस, विद्यार्थियों को जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दे रही है। 'जय तेलंगाना' का नारा लगाते हुए विद्यार्थियों ने राज्य विधानसभा के पास स्थित पार्क की ओर बढ़ने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें पीछे खदेड़ दिया और विश्वविद्यालय के सभी द्वार बंद कर दिए।

पुलिस ने शहर के मध्य स्थित निजाम कॉलेज में 30 से अधिक विद्यार्थियों को उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब उन्होंने गन पार्क स्थित तेलंगाना शहीद स्मारक के लिए जुलूस निकालने की कोशिश की।

इंदिरा पार्क में भी तनाव बना हुआ है, जहां तेलंगाना संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) के सदस्य लगातार दूसरे दिन अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं।

इंदिरा पार्क तक जुलूस निकालने की कोशिश कर रहे विद्यार्थियों के साथ पुलिस की उस समय झड़प हुई, जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। कुछ प्रदर्शनकारियों ने अवरोधकों को हटा दिया, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने फिर भी उन्हें रोक दिया।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को इंदिरा पार्क की ओर बढ़ने की अनुमति नहीं दी, क्योंकि रैली के लिए पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की राज्य इकाई के सचिव के. नारायणा और पार्टी के अन्य नेता तथा कार्यकर्ता एक जुलूस के रूप में इंदिरा पार्क पहुंचे।

इंदिरा पार्क में सुबह से ही लोगों की भीड़ जमा होने लगी थी, क्योंकि विभिन्न दलों के नेता और विद्यार्थी भी प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं।

वारंगल शहर के काकतिया विश्वविद्यालय में भी विरोध प्रदर्शन हो रहा है। तेलंगाना समर्थक कुछ विद्यार्थी बोतलों में पेट्रोल लेकर एक इमारत पर चढ़ गए और उन्होंने धमकी दी कि यदि पुलिस द्वारा गिरफ्तार अन्य विद्यार्थियों को रिहा नहीं किया गया तो वे आत्महत्या कर लेंगे।

विद्यार्थियों की गिरफ्तारी उस समय की गई थी, जब वे जुलूस निकालने की कोशिश कर रहे थे।

वहीं दिल्ली में भी इस मांग को लेकर अलग-अलग दलों की ओर से प्रतिक्रियाएं आ रही है। सीपीआई के नेता डी राजा ने कहा है कि पूरे हंगामे के लिए केवल कांग्रेस ही जिम्मेदार है और इस पूरे मामले पर उसका क्या पक्ष है यह अभी तक साफ नहीं है।

वहीं बीजेपी नेता प्रकाश जावडेकर ने कहा है कांग्रेस इस मामले को लटका रही है और वह इसके हल के पक्ष में नहीं है। तेलंगाना राष्ट्र समिति ने कहा है कि वह इस मसले पर अपनी रणनीति का ऐलान सोमवार शाम को करेगी। उधर, तेलंगाना से चुने गए कांग्रेस के सांसदों और विधायकों पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है।

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इससे पूर्व तेलंगाना को पृथक राज्य बनाने की मांग को एक बार फिर टाल दिया गया। केंद्र सरकार और कांग्रेस का कहना है कि इस मसले पर अभी और चर्चा की जानी है जिसमें कुछ और समय लग सकता है। हालांकि तेलंगाना के गठन की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने अपना आंदोलन और तेज कर दिया।