पुलवामा हमलाः सेना की मीडिया से अपील- शहीदों के परिवार की तस्वीरें दिखाने से करें परहेज, बिना पुष्टि नाम न करें फ्लैश

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले की मीडिया कवरेज पर सरकार के बाद अब सेना और सीआरपीएफ ने भी एडवाइजरी जारी की है.

पुलवामा हमलाः सेना की मीडिया से अपील- शहीदों के परिवार की तस्वीरें दिखाने से करें परहेज, बिना पुष्टि नाम न करें फ्लैश

पुलवामा हमले की मीडिया कवरेज पर अब सेना और सीआरपीएफ ने भी एडवाइजरी जारी की है.

खास बातें

  • सरकार के बाद अब सेना ने जारी की मीडिया एडवाइजरी
  • कहा- पुलवामा हमले के शहीदों के परिवार की न दिखाएं तस्वीरें
  • आतंकवादियों का दुस्साहस बढ़ाती हैं ऐसी तस्वीरें
नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले की मीडिया कवरेज पर सरकार के बाद अब सेना और सीआरपीएफ ने भी एडवाइजरी जारी की है. सेना ने मीडिया संस्थानों से अनुरोध किया है कि इस निराशाजनक और दर्दनाक हालात में शहीदों के परिवार की रोने-बिलखने वाली तस्वीरों को दिखाने से परहेज किया जाए, क्योंकि आतंकवादी यही चाहते हैं कि देश में दहशत का माहौल बने. ऐसी तस्वीरें आतंकवादियों का दुस्साहस बढ़ाती हैं. वहीं सीआरपीएफ ने भी मीडिया से अपील करते हुए कहा कि आधिकारिक रूप से पुष्टि होने तक शहीद कर्मियों के नाम फ्लैश न किए जाएं. सेना और सीआरपीएफ ने मीडिया से एडवाइजरी का पालन करने का अनुरोध  किया है.

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सरकार भी मीडिया को कर चुकी है आगाह 
पुलवामा में इस कदर आतंकी हमला हुआ कि शहीद हुए 40 से अधिक जवानों के शव क्षत-विक्षत हो गए. टीवी चैनलों पर इसको लेकर आक्रामक तरीके से कवरेज जारी है. इसे मोदी सरकार ने संज्ञान में लेते हुए निजी टीवी चैनलों को आगाह किया है. सरकार की तरफ से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकवादी हमले की पृष्ठभूमि में सभी टीवी चैनलों से ऐसी सामग्री पेश करने से बचने को कहा है, जिससे हिंसा भड़क सकती हो अथवा देश विरोधी रुख को बढ़ावा मिलता हो.मंत्रालय की ओर से जारी परामर्श में कहा गया, ‘‘हालिया आतंकवादी हमले को देखते हुए टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी किसी भी ऐसी सामग्री के प्रति सावधान रहें जो हिंसा को भड़का अथवा बढ़ावा दे सकती हैं अथवा जो कानून व्यवस्था को बनाने रखने के खिलाफ जाती हो या देश विरोधी रुख को बढ़ावा देती हो या फिर  देश की अखंडता को प्रभावित करती हो.''मंत्रालय ने कहा कि सभी निजी चैनलों को इसका कड़ाई से पालन करने का अनुरोध किया जाता है.

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बढ़ सकती है शहीदों की संख्या
जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा (Pulwama Blast) में अवन्तीपुरा के गोरीपुरा इलाके में उस वक्त गुरुवार को हमला हुआ, जब सीआरपीएफ (CRPF)  का काफिला गुजर रहा था.सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले में करीब 350 किलो IED (Improvised Explosive Device) का इस्तेमाल हुआ. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) ने हमले की जिम्मेदारी ली और इसे आत्मघाती बताया. फिलहाल 42 जवानों के शहीद होने की आधिकारिक रूप से पुष्टि हुई है. रक्षा अधिकारी ने हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है. उधर, पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सहित कई राजनेताओं ने हमले की निंदा की है. रिपोर्ट के अनुसार उरी के बाद यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है.. घायलों का श्रीनगर स्थित सेना के अस्‍पताल में इलाज चल रहा है. सीआरपीएफ (CRPF) के जवानों को ले जा रही बस को मुख्‍य रूप से निशाना बनाया गया था. हमले में कई अन्‍य वाहन भी क्षतिग्रस्‍त हुए हैं. सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ जवानों को निशाना बनाकर किए गए आईईडी विस्फोट की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इसे आत्मघाती हमला बताया है. बता दें कि यह हमला श्रीनगर से सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर हुआ है. रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. इस बीच पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सहलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से भी बात की.

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