कैप्टन अमरिंदर आज करेंगे जंतर-मंतर पर प्रदर्शन, किसान बिलों पर राष्ट्रपति ने नहीं दिया था मिलने का समय

अमरिंदर सिंह ने पिछले दिनों केंद्र सरकार के तीन किसान कानूनों के विरोध में पंजाब विधानसभा में तीन किसान बिल पास किए थे. यह बिल अभी मंजूरी के लिए पंजाब के गवर्नर के पास अटका पड़ा है. अमरिंदर इसे लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलना चाहते थे.

कैप्टन अमरिंदर आज करेंगे जंतर-मंतर पर प्रदर्शन, किसान बिलों पर राष्ट्रपति ने नहीं दिया था मिलने का समय

अमरिंदर सिंह और उनके मंत्री-विधायक एक दिन का सांकेतिक धरना दे रहे हैं. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Punjab CM Amarinder Singh) बुधवार को दोपहर लगभग 12:30 बजे दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देंगे. दरअसल, अमरिंदर सिंह ने पिछले दिनों केंद्र सरकार के तीन किसान कानूनों (Farm Laws) के विरोध में पंजाब विधानसभा में तीन किसान बिल पास किए थे. यह बिल अभी मंजूरी के लिए पंजाब के गवर्नर के पास अटका पड़ा है. अमरिंदर इसे लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलना चाहते थे. लेकिन मंगलवार को राष्ट्रपति ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया था.

बुधवार को जंतर-मंतर पर इस धरने के पहले अमरिंदर सिंह पहले राजघाट जाएंगे. पंजाब कांग्रेस का यह एक दिन का सांकेतिक धरना होगा. कोविड की वजह से लगी धारा 144 के कारण 4-4 विधायक पूरे दिन धरने पर रहेंगे. अमरिंदर सिंह पंजाब विधानसभा में केंद्र के कृषि कानून के खिलाफ पारित कृषि संशोधन विधेयक को मंजूरी देने का आग्रह करने के लिए राष्ट्रपति से मिलना चाहते थे. 

अभी तक पंजाब के राज्यपाल ने भी इन कृषि बिलों को मंज़ूरी नहीं दी है और फिर मंगलवार को राष्ट्रपति कोविंद ने भी कैप्टन अमरिंदर सिंह को मिलने का समय नहीं दिया, इसी वजह से कैप्टन अमरिंदर अपने मंत्रियों और विधायकों के साथ दिल्ली के जंतर मंतर में एक दिन का सांकेतिक धरना कर रहे हैं.

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बता दें कि कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020, कृषक (सशक्तीरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 विधेयक हाल ही में संसद में पारित हुए थे. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के इन्हें मंजूरी देने के बाद अब ये कानून बन चुके हैं. हालांकि, इन कानूनों पर पंजाब और हरियाणा के किसानों ने बड़ा विरोध-प्रदर्शन किया था.

19 अक्टूबर को पंजाब विधानसभा में केंद्र के तीन नए कानूनों को ब्लॉक करने वाले तीन नए बिल पास किए गए थे. इसके बाद से पंजाब में किसानों का विरोध प्रदर्शन कुछ शांत पड़ा था, हालांकि कुछ दिनों पहले केंद्र ने पंजाब में रेल रोको आंदोलन का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने पंजाब जाने वाली ट्रेनें रोक दी थीं. इससे वहां पर जरूरी सामानों की आपूर्ति बाधित हो रही थी, जिसको लेकर किसानों में फिर से गुस्सा पैदा हो गया था.

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