यह ख़बर 05 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

भारत यात्रा पर आएंगे व्लादिमीर पुतिन, 15-20 समझौते होने की संभावना

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सालाना शिखर वार्ता में भाग लेने दिल्ली आएंगे और दोनों नेता इस वार्ता के दौरान रक्षा व परमाणु जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर अपने दृष्टिकोण रखेंगे।

पुतिन की यात्रा के दौरान 15-20 समझौतों पर हस्ताक्षर की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों के बीच यह 15वीं शिखर वार्ता होगी।

पुतिन की इस यात्रा से भारत-रूस के 'विशेष व गौरवशाली' संबधों को नई गति मिलने की उम्मीद है। इस दौरान पक्ष देश द्विपक्षीय कारोबार को बढ़ाने के तौर तरीकों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। द्विपक्षयी कारोबार इस समय 10 अरब डॉलर है।

यात्रा के दौरान पुतिन मोदी के साथ अकेले में और प्रतिनिधि स्तर पर विस्तार से विचार विमर्श करेंगे। वे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मिलेंगे, जो कि उनके सम्मान में भोज का आयोजन करेंगे।

सूत्रों ने कहा कि इस यात्रा के दौरान विभिन्न प्रमुख परियोजनाओं पर विशेष रूप से चर्चा हो सकती है, जिनमें रूस-भारत के बीच गैस पाइपलाइन तथा पांचवीं पीढी के लड़ाकू विमान (एफजीएफए) कार्य्रकम शामिल है। इसके अलावा परमाणु ऊर्जा क्षेत्र आगे सहयोग पर भी बातचीत के दौरान चर्चा होने की संभावना है।

संयुक्त सचिव (यूरेशिया) अजय बिसारिया ने कहा, 'राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा महत्वपूर्ण पड़ाव है और इससे दोनों देशों के मौजूदा द्विपक्षीय संबंधों को नई गति मिलने की संभावना है।' उन्होंने कहा कि दोनों नेता अगले दशक में हमारे संबंधों के बारे में एक संयुक्त दृष्टिकोण पेश करेंगे।

उन्होंने कहा कि उक्त दृष्टिकोण दस्तावेज दोनों देशों के बीच भागीदारी बढ़ाकर इसे 'नए स्तर पर पहुंचाने' के बारे में खाका पेश करेगा।

पुतिन के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल भी यहां आ रहा है। दोनों नेता भारत और रूस की प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारियों के साथ संयुक्त रूप से वार्ता कर सकते हैं।

मोदी व पुतिन के बीच यह पहला सालाना शिखर सम्मेलन होगा। दोनों नेता इस साल इससे पहले अलग अलग मंचों पर दो बार मिल चुके हैं। ब्राजील में जुलाई में ब्रिक सम्मेलन में हुई मुलाकात में मोदी ने कहा था कि भारत में बच्चा बच्चा जानता है कि रस भारत का 'घनिष्ट मित्र है।' दूसरी मुलाकात पिछले माह आस्ट्रेलिया में जी20 शिखर बैठक में हुई।

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उल्लेखनीय है कि रूस पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बाद उसे भारत से विशेषकर खाद्य उत्पादों के निर्यात में अच्छी खासी वृद्धि देखने को मिली है। सूत्रों ने कहा कि रूस से बिना तराशे हीरों के बढ़ते निर्यात पर भी इस दौरान चर्चा होगी।