यह ख़बर 20 सितंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

भूकंप से मरने वालों की संख्या 92 हुई

खास बातें

  • भूकंप प्रभावित सिक्किम से रक्षा बल अब तक 3,000 से भी ज्यादा लोगों की जान बचा चुके हैं।
गायखोला / गैंगटॉक / सिलीगुड़ी:

भूकंप प्रभावित सिक्किम से रक्षा बल अब तक 3,000 से भी ज्यादा लोगों की जान बचा चुके हैं। दूसरी ओर बचाव दलों के लगातार मलबा हटाने की प्रक्रिया में और शव मिलने के चलते भूकंप से मरने वालों की संख्या 92 हो गई है। दो दिन पहले आए भूकंप से सिक्किम में अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है। मंगन से गंगटोक के बीच का राष्ट्रीय राजमार्ग 31-ए भूस्खलन के कारण बंद है, लेकिन बचावकर्मियों के सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग खोला गया है। क्षेत्र के लोग भूकंप की दहशत से अब तक नहीं उबर पाए हैं। बहुत से लोग डर के चलते अब भी अपने घरों में नहीं घुस पा रहे। लाचन गांव के 74 वर्षीय देंगजी शेरपा ने कहा, अगर दूसरी बार भूकंप आ गया, तो मेरा घर ढह जाएगा। इसलिए हम खुले में ही इंतजार कर रहे हैं। बहुत से लोग मलबे में से अपना घरेलू सामान तलाशते नजर आ रहे हैं। रविवार को आए 6.8 तीव्रता के इस भूकंप में मरने वालों की संख्या 92 हो गई है। सिक्किम में मृतकों की संख्या 53, पश्चिम बंगाल में 12, बिहार में नौ और नेपाल में 11 हो गई है। हेलीकॉप्टरों के माध्यम से रक्षा बल अब तक सिक्किम के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों से 3,000 से ज्यादा लोगों को बचा चुके हैं। सैन्य अभियान, उपमहानिदेशक ब्रिगेडियर रणवीर सिंह ने नयी दिल्ली में बताया, वायु सेना की मदद से आठ से 13 हेलीकॉप्टरों को बचाव कार्य सेवा में लगाया गया है। घायलों के इलाज के लिए 20 चिकित्सा शिविर बनाए गए हैं, जिनमें 370 लोगों का इलाज हो रहा है। आठ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 2,700 से भी ज्यादा लोगों को आश्रय दिया गया है। भूकंप प्रभावित जिन क्षेत्रों तक बचावकर्मी अब तक नहीं पहुंच पाए हैं, उनमें आज लगातार दूसरे दिन भोजन के पैकेट और दवाइयां हेलीकॉप्टर से गिराई गईं। जिलाधीश इन कार्यों पर नजर रखे हुए हैं। सेना के एक आला अधिकारी ने बताया कि अगले कुछ दिनों में सेना के अभियान का मुख्य केंद्र प्रदेश के दूसरे अहम मार्गों को खोलना रहेगा। दूरदराज के एक गांव लाचुंग से आज तीन घायलों को इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से गंगटोक लाया गया। राहत कार्यों के बीच केंद्रीय गृह सचिव आर के सिंह ने कहा कि हताहतों की संख्या और बढ़ने की आशंका है।


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