बिहार में इंटर (आर्ट्स) के टॉपर गणेश कुमार की योग्यता पर उठे सवालिया निशान, विपक्ष ने उठाई जांच की मांग

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) द्वारा इस वर्ष भी आयोजित 12वीं (इंटर) के टॉपर को लेकर विवाद शुरू हो गया है. कला संकाय (संगीत) में राज्य में सबसे ज्यादा अंक पाने वाले गणेश कुमार को सुर और ताल की जानकारी ही नहीं है.

बिहार में इंटर (आर्ट्स) के टॉपर गणेश कुमार की योग्यता पर उठे सवालिया निशान, विपक्ष ने उठाई जांच की मांग

संगीत विषय में टॉप करने वाले गणेश का दावा है कि उसने पूरी ईमानदारी से परीक्षा दी थी

खास बातें

  • झारखंड के गणेश कुमार ने बिहार में इंटर (आर्ट्स) में किया है टॉप
  • रिजल्ट पर उठे सवालिया निशान, विपक्ष ने लगाया घोटाले का आरोप
  • गणेश के शिक्षक भी नहीं बता पाए बेसिक सवालों के सही जवाब
पटना:

बिहार में इस साल भी इंटरमीडिएट (आर्ट्स) के टॉपर पर सवाल खड़ा हो गया है. गणेश कुमार नाम का टॉपर समस्तीपुर के रामनंदन सिंह जगदीप नारायण उच्च माध्यमिक इंटर विद्यालय का छात्र है. मगर पता चला कि ये गणेश कुमार समस्तीपुर का रहने वाला ही नहीं है. वह झारखंड के गिरिडीह ज़िले के सरिया में रहता है.

जब इस टॉपर को खोजते हुए मीडिया इसके स्कूल पहुंचा तो स्कूल बदहाल मिला. टॉपर न मिलने पर उनके शिक्षकों का ही इम्तिहान शुरू हो गया. पता चला कि अंग्रेजी पढ़ाने वाले को सिविलाइज़ेशन शब्द की स्पेलिंग नहीं मालूम है और कैमिस्ट्री पढ़ाने वाले को सोडियम की परमाणु संख्या तक नहीं मालूम है. ये भी दिलचस्प है कि टॉपर की उम्र अभी 24 साल है. आप मार्कशीट देखेंगे तो पता चलेगा इन्हें फर्स्ट डिवीजन से पास किया गया है. गणेश ने कुल 413 अंक हासिल किए हैं.

इनका स्कूल देखकर लगता नहीं कि यहां पढ़ाई भी होती होगी, इमारत पूरी तरह बनी ही नहीं है. लेकिन टॉपर इस स्कूल ने दे दिया. शिक्षक पूरी संख्या में आते नहीं, छात्र दिखे नहीं, लेकिन पूरे राज्य को टॉपर इस स्कूल ने दिया. इस टॉपर ने परीक्षा के नतीजों को लेकर फिर सवाल उठा दिया है.

बता दें कि रिजल्ट घोषित होने बाद पूरी मीडिया टॉपर गणेश को खोजती रही, लेकिन गणेश से कहीं कोई संपर्क नहीं हो पाया था. बाद में गणेश ने बताया कि उसके चाचा की मृत्यु हो जाने के कारण वह किसी से संपर्क नहीं कर सका.
मीडिया जब उसके विद्यालय पहुंचा तो पता चला की छात्र गणेश कुमार ने 2015 में रामनंदन सिंह जगदीप नरायन उच्च माध्यमिक इंटर विद्यालय में अपना दाखिला कराया और वह प्रतिदिन कॉलेज आकर पढ़ाई करता था. पर न कॉलेज के पास गणेश का कोई फोन नंबर भी नहीं है जो उस लड़के के सम्पर्क किया जा सके. गणेश के दस्तावजों पता चला कि उसका पता झारखण्ड राज्य के गिरिडीह जिले का ग्राम पोस्ट सरिया दर्ज है. 

गणेश की जन्मतिथि 2 जून,1993 दर्ज है जिससे उसकी उम्र 24 वर्ष होती है. जबकि आमतौर पर इटंर करने वाले बच्चों की उम्र 17 से 19 साल के बीच होती है.

उधर, जब कॉलेज की पड़ताल की गई तो कॉलेज जर्जर हालत में था. कई कक्षाओं में छत नहीं है तो कई में बोर्ड नहीं हैं. प्रैक्टिकल के नाम पर एक कमरा था जिसमें बन्द पड़ा हारमोनियम, एक बल्ला और गेंद मिली. शिक्षकों की संख्या 18 बताई गई जिसमें से 5 शिक्षक ही मिले. 

जब शिक्षकों से छात्र के बारे में पूछा गया तो उन्होंने छात्र को बहुत ही मेधावी बताया और बताया कि इस विद्यालय से पिछले वर्ष भी खुशबू कुमारी नाम की लड़की ने साइंस विषय में जिले में टॉप किया था. जब शिक्षक से विज्ञान विषय के बारे में पूछा गया तो उन्हें अपने ही विषय की जानकारी नही थी. 

गणेश कुमार का इंटर की पढ़ाई करने के लिए इन्होंने बिहार के समस्तीपुर के रामनंदन सिंह जगदीश नारायण कॉलेज को चुना. गणेश का गिरिडीह से समस्तीपुर पहुंचना कई सवाल खड़े करता है. स्थानीय मीडिया ने गणेश से बात की तो उसने कहा कि उसे टॉपर होने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन उसने अच्छी तरह से परीक्षा दी थी, परीक्षा में अच्छे से सजा कर लिखा थे, इसलिए टॉपर हो गया.

इस मुद्दे पर मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने अब पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है. भाजपा प्रवक्ता विनोद नारायण झा ने कहा कि नीतीश सरकार में राज्य की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है. 12वीं की परीक्षा में एक बार फिर हकीकत सामने आ गई है. सरकार का दावा है कि इस साल परीक्षा प्रक्रिया में काफी कठोरता बरती गई है. इस वर्ष बिहार में करीब 64 प्रतिशत छात्र परीक्षा में असफल हुए हैं. 

उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इंटर के रिजल्ट पर उन्होंने शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव और शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव से विस्तार से चर्चा की है. उन्होंने कहा कि किसी भी छात्र-छात्रा को लगता है कि उसकी कॉपी ठीक ढंग से नहीं जांची गई है, उसने बेहतर लिखा है, पर उस हिसाब से नंबर नहीं आए हैं, ऐसे में फिर से कॉपी जांच कराने का उसे अधिकार है.

ख्यमंत्री ने कहा कि जिन छात्रों को लगता है कि उन्हें कम अंक मिले हैं, वे आवेदन करेंगे तो उनकी कॉपियों की फिर से जांच होगी. साथ ही कंपार्टमेंटल परीक्षा भी जल्द कराने के इंतजाम किए जाएंगे, ताकि अनुत्तीर्ण छात्रों को अवसर मिले.

बता दें कि पिछले साल भी बिहार में इंटर की परिक्षाओं में बड़े पैमाने पर घपला उजागर हुआ था. बीते साल कला संकाय में रूबी राय और विज्ञान संकाय में सौरव श्रेष्ठ ने टॉप किया था.  टॉप किए जाने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए दोनों टॉपर्स की हकीकत लोगों के सामने आ गई थी. जब पूरे मामले की जांच की गई तो रिजल्ट को ही रद्द करना पड़ा. बिहार रिजल्ट फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड लालकेश्वर प्रसाद सिंह को उनकी पत्नी ऊषा सिन्हा के साथ गिरफ्तार किया गया. लालकेश्वर प्रसाद रिजल्ट फर्जीवाड़े के समय बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड के अध्यक्ष थे. 
 


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