स्थानीय समस्याओं के लिए पीएम से सवाल करना टीआरपी के लिए ठीक, गवर्नेंस के लिए नुकसानदेह : पीएम मोदी

स्थानीय समस्याओं के लिए पीएम से सवाल करना टीआरपी के लिए ठीक, गवर्नेंस के लिए नुकसानदेह : पीएम मोदी

पीएम मोदी टाउनहॉल में जनता के सवालों के जवाब देते हुए

खास बातें

  • 'जो जिम्मेदार है, उसे जवाबदेह और उत्तरदायी बनाया जाए'
  • 'बेहतर राजकाज संचालन के लिए हर स्तर पर जवाबदेही तय हो'
  • 'पंचायत स्तर पर भी कुछ हो तो लोग पीएम से सवाल पूछते हैं'
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेहतर राजकाज संचालन के मामले में हर स्तर पर जवाबदेही तय करने की वकालत करते हुए कहा कि जो भी जिम्मेदार है, उसे जवाबदेह और उत्तरदायी बनाया जाना चाहिए. उन्होंने टाउनहॉल कार्यक्रम में शिकायत निपटान प्रणाली पर जोर दिया.

पीएम ने इस बात को लेकर सवाल उठाए कि सारे सवाल पीएम से ही क्यों पूछे जाते हैं. उन्होंने कहा कि पंचायत से लेकर जिला परिषद या राज्य तक में कुछ हो जाए तो लोग पूछने लगते हैं कि पीएम क्यों नहीं कुछ बोल रहे, जबकि उन्हें स्थानीय जिम्मेदार लोगों से ये सवाल पूछने चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि टीआरपी के लिए शायद यह ठीक होगा, लेकिन उसका दुष्परिणाम यह होता है कि पंचायत अपनी जिम्मेदारी नहीं समझता, नगर पंचायत को लगता है कि यह उसकी जिम्मेदारी ही नहीं है...राज्यों, नगर पालिका, महानगर पालिका को लगता है कि उसकी जिम्मेदारी नहीं है और इस कारण गवर्नेंस को बड़ा नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि पहली जरूरत है कि जिसकी जो जिम्मेदारी है, उससे उसकी जिम्मेदारी का जवाब मांगना चाहिए, न नीचे न ऊपर सीधे उससे जवाब मांगना चाहिए, तब सुधार होगा.

पीएम मोदी ने कहा, लोकतंत्र में जनता चुनी हुई सरकार को पांच साल के लिये देश चलाने का अनुबंध देती है और यदि उसे उसका कामकाज पसंद नहीं आता है तो अगले चुनाव में यह अधिकार किसी अन्य राजनीतिक दल को दे दिया जाता है.

उन्होंने कहा, हमारे देश में हमेशा ही यह माना जाता है कि सुशासन खराब राजनीति है. एक चुनाव जीतने के बाद सरकार अगले चुनाव को जीतने की जुगत में लग जाती हैं. उनका ध्यान इस बात पर होता है कि कैसे राजनीतिक आधार को बढ़ाया जाए और अधिक वोट हासिल किए जाएं और यही वजह है कि आगे चलकर वह सरकार गिर जाती है.
(इनपुट भाषा से)


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