खास बातें
- पहचान पत्र दिखाकर 31 मार्च, 2017 तक नोट बदलवा सकेंगे
- कुछ जगहों पर दो दिनों तक एटीएम काम नहीं करेंगे
- 9 नवंबर को बैंकों में पब्लिक डीलिंग नहीं होगी
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार, आतंकवाद, कालाधन और जाली नोटों के गोरखधंधे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का ऐलान करते हुए मंगलवार मध्यरात्रि से 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों के प्रचलन को खत्म करने की बड़ी घोषणा की. सत्ता संभालने के ढाई साल बाद राष्ट्र के नाम अपने पहले टीवी संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, 'मंगलवार रात 12 बजे से 1000 रुपये और 500 रुपये के नोट वैध नहीं होंगे और ये नोट कागज के टुकड़े रह जाएंगे और उनका कोई मूल्य नहीं होगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है, 30 दिसंबर तक 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बैंकों और डाकघरों में जमा कराए जा सकते हैं. कुछ कारणों से जो लोग 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोट 30 दिसंबर तक जमा नहीं करा सकेंगे, वे लोग पहचान पत्र दिखाकर 31 मार्च, 2017 तक नोट बदलवा सकेंगे. 9 नवंबर को बैंकों में पब्लिक डीलिंग नहीं होगी.
कल बैंक नहीं जाएं-लेनदेन नहीं होगा, अगले दो दिनों तक कुछ एटीएम भी काम नहीं करेंगे
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ जगहों पर अगले दो दिनों तक एटीएम काम नहीं करेंगे.अस्पतालों, सार्वजनिक क्षेत्र के पेट्रोल पंपों एवं सीएनजी गैस स्टेशनों, रेल यात्रा टिकट काउंटरों, शवदाह गृहों, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों को 11 नवंबर की मध्यरात्रि तक छूट रहेगी. दुग्ध बिक्री केंद्रों, पेट्रोल एवं सीएनजी स्टेशनों आदि को स्टॉक एवं ब्रिकी का रजिस्टर रखना होगा. अस्पताल में अगले 72 घंटे तक यह छूट उपलब्ध है. नए नोटों की आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए पहले कुछ दिनों में प्रतिदिन 10,000 रुपये और प्रति सप्ताह 20,000 रुपये की सीमा होगी. बाद के दिनों में यह सीमा बढ़ाई जाएगी.
...लेकिन इन जगहों पर 72 घंटे तक चलेंगे 500 और 1000 रुपये के नोट
उन्होंने कहा कि यह जानकारी गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए सभी को इसी समय एक साथ दी जा रही है. रिजर्व बैंक और अन्य बैंकों को बहुत कम समय में काफी व्यवस्था करनी है, इसलिए बुधवार को बैंक बंद रहेंगे. इसके कारण लोगों को कुछ परेशानियां पेश आएंगी, लेकिन मेरा आग्रह होगा कि देशहित में वे इन कठिनाइयों को नजरअंदाज करेंगे. हर देश के इतिहास में ऐसे क्षण आते हैं, जब व्यक्ति उस क्षण का हिस्सा बनना चाहता है और राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनना चाहता है. ऐसे गिने-चुने मौके आते हैं और यह ऐसा ही एक मौका है.