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खास बातें
- सौदे पर दस्तखत से पहले सरकार ने फ्रांसीसी पक्ष को बड़ी रियायत दी
- सप्लाई प्रोटोकॉल से भ्रष्टाचार विरोधी पेनाल्टी के प्रावधान हटाए गए
- कंपनियों के खाते तक पहुंच का प्रावधान भी हटा दिया
नई दिल्ली: राफेल पर 'द हिंदू' (The Hindu) के पहले खुलासे से सरकार अभी उबर ही नहीं पाई थी कि दूसरा मामला सामने आ गया. इस बार हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक राफेल सौदे (Rafale Deal) में सरकार ने भ्रष्टाचार पर कार्रवाई का क्लॉज हटा दिया. इसके बाद कांग्रेस (Congress) फिर हमलावर हो गई.
क्या राफेल सौदे में सरकार ने फ्रांसीसी पक्ष को बड़ी छूट देते हुए भ्रष्टाचार का क्लॉज हटा दिया है? 'द हिंदू' में छपी ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक भ्रष्टाचार से लड़ने का दावा करने वाली सरकार ने ये काम किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक सौदे पर दस्तखत से कुछ ही दिन पहले भारत सरकार ने फ्रांसीसी पक्ष को बड़ी रियायत दी. सप्लाई प्रोटोकॉल से कई प्रावधान हटा दिए. इनमें भ्रष्टाचार विरोधी पेनाल्टी के प्रावधान भी हटाए गए. अनुचित प्रभाव, एजेंट या एजेंसी के कमीशन पर पेनाल्टी का प्रावधान हटाया गया. कंपनियों के खाते तक पहुंच का प्रावधान भी हटा.
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द हिंदू के ताजा खुलासे ने राहुल गांधी को राफेल सौदे पर हमले के नए हथियार दे दिए. जबकि बीजेपी प्रधानमंत्री के बचाव में उतरी.
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हाल के दिनों में ये तीसरा मौका है जब सरकार को सफाई देने की नौबत आई है. पहले सौदे में पीएमओ की समानांतर बातचीत का इल्ज़ाम आया और इसके बाद एक इल्जाम ये आया कि इसकी जांच कर रहे सीएजी राजीव महर्षि सौदे के समय वित्त सचिव थे. यानी ये हितों के टकराव का केस है. साफ है, राफेल विवाद लगातार सरकार का पीछा कर रहा है.