यह ख़बर 12 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

राहुल गांधी गिरफ्तार, रिहा भी किए गए

खास बातें

  • भट्टा परसौल गांव में किसानों के समर्थन में धरने पर बैठे राहुल गांधी को रात 11 बजे गिरफ्तार करने के दो घंटे बाद छोड़ दिया गया।
ग्रेटर नोएडा:

एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे किसानों से मिलने भट्टा परसौल गांव पहुंचे कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को अत्यंत नाटकीय घटनाक्रम में उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया लेकिन तीन घंटे बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें डीएनडी एक्सप्रेसवे से होते हुए दिल्ली पहुंचा कर सराय काले खान स्थित अंतरराज्यीय बस अड्डे पर छोड़ दिया। सराय काले खान, भट्टा पारसौल गांव से कुछ ही दूर है जहां राज्य के किसान एक एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए उप्र सरकार की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। भट्टा परसौल गांव में पर राहुल ने किसानों के साथ 19 घंटे बिताए। गौरतलब है कि राहुल राजनेताओं की आमद रोकने के लिए मुस्तैद प्रशासन को चकमा देते हुए सुबह-सुबह अचानक भट्टा पारसौल गांव पहुंच गए और अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। भट्टा पारसौल में गत शनिवार को किसानों और पुलिस दल के बीच हुए हिंसक संघर्ष में दो पुलिसकर्मी और दो किसान मारे गए थे। राहुल को रात करीब 11 बजे भारतीय दंड संहिता की धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें कासना पुलिस थाने ले जाया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया और तड़के करीब दो बजकर 15 मिनट पर उन्हें दिल्ली लाया गया। राहुल के साथ कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी, कांग्रेस सांसद राज बब्बर और परवेज हाशमी सहित पार्टी के कुछ अन्य नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया। दिल्ली के एक उपनगर ग्रेटर नोएडा स्थित कासना पुलिस थाने में राहुल ने उन कारणों के बारे में जानना चाहा जिनके चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा, वे हमें कागजात नहीं दिखा रहे हैं। रिहाई के बाद दिग्विजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, मायावती सरकार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। किसानों के मुद्दे पर जेल जाने से हमें खुशी होगी। दिग्विजय चाहते हैं कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग इस मामले की जांच करे। उन्होंने कहा कि राहुल की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस प्रदर्शन करेगी। इस बीच, उत्तर प्रदेश के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने लखनऊ में देर रात संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भट्टा पारसौल में स्थिति शांत है और वहां का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि भट्टा पारसौल में सुबह से कोई निषेधाज्ञा लागू नहीं है क्योंकि यह केवल दस मई तक ही प्रभावी थी। सिंह ने कहा कि जब कांग्रेस नेताओं ने गांव में एक रैली निकालने के लिए राज्य प्रशासन से अनुमति मांगी तब दोबारा निषेधाज्ञा लागू कर दी गई थी। राहुल की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस नेताओं ने मायावती सरकार को आड़े हाथों लिया है। पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने कई साम्राज्यवादी शासन की क्रूरता देखी है। उन्होंने कहा,  राहुल को गिरफ्तार करने की उप्र सरकार की कार्रवाई साबित करती है कि मायावती अपने हाथ से अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रही हैं। द्विवेदी ने कहा, राज्य सरकार में यदि न्याय की जरा भी भावना बाकी है तो उसे तत्काल पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच के आदेश देना चाहिए।


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