भारत-चीन सीमा विवाद : गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर राहुल गांधी का तंज, 'सब को मालूम है ‘सीमा’ की हकीकत लेकिन...'

शाह ने रविवार को वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के जरिए बिहार में चुनावी शंखनाद करते हुए कहा कि एक समय था जब कोई भी हमारी सीमा के घुस जाता था, हमारे सैनिकों का सिर काट लेता था और दिल्ली में बैठे लोगों (दिल्ली दरबार) को कोई फर्क नहीं पड़ता था.

भारत-चीन सीमा विवाद : गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर राहुल गांधी का तंज, 'सब को मालूम है ‘सीमा’ की हकीकत लेकिन...'

सीमा की सुरक्षा को लेकर राहुल गांधी का अमित शाह पर हमला (फाइल फोटो)

खास बातें

  • गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर राहुल गांधी का तंज
  • बोले- सबको हकीकत मालूम है लेकिन...
  • भारत की रक्षा नीति की वैश्विक स्तर पर बढ़ी स्वीकार्यता : शाह
नई दिल्ली:

भारत और चीन सीमा विवाद को सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत के जरिये सुलझाने पर सहमत हुए हैं. इस बीच, कांग्रेस के पूर्व अधयक्ष राहुल गांधी ने अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सब को मालूम है ‘सीमा' की हक़ीक़त लेकिन, दिल के ख़ुश रखने को, ‘शाह-यद' ये ख़्याल अच्छा है. दरअसल, गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि भारत की रक्षा नीति की वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता बढ़ी है. पूरी दुनिया यह मानती है कि अमेरिका और इजराइल के बाद अगर कोई देश है जो अपनी सीमाओं की रक्षा करने में समर्थ है तो वो भारत है. राहुल गांधी ने गृह मंत्री के इसी बयान को लेकर ट्वीट किया है. 

शाह ने रविवार को वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के जरिए बिहार में चुनावी शंखनाद करते हुए कहा कि एक समय था जब कोई भी हमारी सीमा के घुस जाता था, हमारे सैनिकों का सिर काट लेता था और दिल्ली में बैठे लोगों (दिल्ली दरबार) को कोई फर्क नहीं पड़ता था. हमारे समय में उरी और पुलवामा हमले हए, यह प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी सरकार थे, जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की. 

भारत-चीन सीमा पर तनाव को दूर करने के लिए दोनों देश की सेनाओं के शीर्ष अधिकारियों के बीच 6 जून को बातचीत हुई. सीमा विवाद पर लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बातचीत के बाद विदेश मंत्रालय ने रविवार को आधिकारिक बयान जारी किया. बयान में कहा गया कि यह बैठक सौहर्दपूर्ण और सकारात्मक माहौल में हुई. विभिन्न द्विपक्षीय समझौते के अनुसार, दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने पर सहमत हुए हैं. दोनों देशों के नेताओं के बीच हुए समझौते को ध्यान में रखते हुए द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए भारत-चीन सीमावर्ती इलाकों में शांति आवश्यक है. दोनों पक्ष स्थिति को ठीक करने और सीमावर्ती इलाकों में शांति सुनिश्चित करने के लिए सैन्य एवं राजनयिक संपर्कों के माध्यम से बातचीत जारी रखेंगे. 

बता दें कि करीब एक महीने से लद्दाख में दोनों सेनाओं में तनातनी है. पैंगोंग लेक के फिंगर 4 और फिंगर 8 को लेकर है ज़्यादा विवाद है. अप्रैल से पहले सेना फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग करने जाती थी. अब चीनी सेना भारतीय सेना को फिंगर 4 से आगे बढ़ने नही दे रही है. चीनी सेना पहले फिंगर 4 तक पैट्रोलिंग करने आती थी. चीनी सेना की आपत्ति है भारत बॉर्डर पर सड़क क्यों बना रहा है जबकि भारत का कहना है सड़क वाली जगह बॉर्डर से दूर और उसका इलाका है.

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