कृषि कानूनों के मुद्दे पर आज फिर राष्ट्रपति से मिलेंगे राहुल गांधी, विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक करेंगे प्रदर्शन

पिछले दिनों राहुल गांधी विपक्षी नेताओं के साथ किसान आंदोलन मुद्दे पर राष्ट्रपति से मिले थे लेकिन अभी तक कोई एक्शन न लिए जाने के बाद आज वो फिर कांग्रेस सांसदों के डेलीगेशन के साथ फिर मेमोरेंडम देने जाएंगे.

कृषि कानूनों के मुद्दे पर आज फिर राष्ट्रपति से मिलेंगे राहुल गांधी, विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक करेंगे प्रदर्शन

राहुल गांधी किसान आंदोलन मुद्दे पर राष्ट्रपति कोविंद से करेंगे मुलाकात. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

Farmers' Protests : कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को लगभग एक महीना हो रहा है. ऐसे में गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इन कानूनों को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने जा रहे हैं. कांग्रेस के सांसद के सुरेश ने बुधवार को बताया था कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी गुरुवार को सुबह 10:45 बजे से विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक एक प्रदर्शन करेंगे, जिसके बाद राष्ट्रपति से मिलकर वो उन्हें एक मेमोरेंडम देंगे और आंदोल के मुद्दे पर उनके दखल की मांग करेंगे.

के सुरेश ने ANI से कहा, 'राहुल गांधी विपक्षी नेताओं के साथ राष्ट्रपति से मिले थे यह मुद्दा सुलझाने के लिए मेमोरेंडम भी दिया था लेकिन राष्ट्रपति और सरकार की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया. अब गुरुवार को वो कांग्रेस सांसदों के साथ विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक एक प्रदर्शन करेंगे.' उन्होंने कहा कि 'उसके बाद वो और दूसरे वरिष्ठ नेता राष्ट्रपति से मिलेंगे और दो करोड़ हस्ताक्षर के साथ एक मेमोरेंडम देंगे.'

दिल्ली से लगे कई सीमाओं पर 26 नवंबर से ही पंजाब-हरियाणा सहित कई राज्यों के किसान कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. मोदी सरकार ने सितंबर महीने से तीन नए कृषि कानूनों- 'कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020', 'कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत अश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, 2020' और 'आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक, 2020' को पास कर दिया था, जिसके कुछ दिनों बाद ही राष्ट्रपति ने इनपर हस्ताक्षर कर इन्हें कानून बनाने को मंजूरी दे दी थी.

यह अध्यादेश लाने के बाद से ही पंजाब के किसान प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन सरकार ने फिर भी इन प्रस्तावों को संसद में पास कर दिया, तबसे ही किसान पंजाब में प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन कोई हल न निकलता देखकर उन्होंने दिल्ली चलो आंदोलन शुरू किया. हालांकि, उन्हें दिल्ली में आने से रोक दिया गया और 26 नवंबर से ही वो दिल्ली से लगी सीमाओं पर बैठे हुए हैं.

तब से किसान संगठनों और सरकार के बीच कई राउंड की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है. सरकार कानूनों में संशोधन करने को तैयार है लेकिन किसान चाहते हैं कि इन कानूनों को ही रद्द कर दिया जाए. उनके बीच इस बात का भी गुस्सा है कि सरकार ने बिना किसी संवाद के ये प्रस्ताव लाई और फिर उनके विरोध के बावजूद उन्हें संसद में पास करा दिया. 

Video: कृषि कानून के विरोध में आज राहुल गांधी का मार्च

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