राहुल गांधी ने बताए कृषि कानूनों के 3 बड़े नुकसान, बोले- PM ये तो कतई न समझें आंदोलन खत्म हो जाएगा

राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता करके कृषि कानूनों से होने वाले तीन बड़े नुकसान बताए और कहा कि इसलिए ही किसान आंदोलन कर रहे हैं और सरकार उन्हें मार रही है. हम किसानों के साथ हैं और उनकी मदद करेंगे, वे डटे रहें.

तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान सड़कों पर हैं. गणतंत्र दिवस पर आईटीओ, लालकिले और नांगलोई में हिंसा हुई. आज भी गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर तनाव की स्थिति है. इस पूरे मामले पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि इन तीनों कानूनों को समझने की जरूरत है. उन्होंने साफ-साफ बताया कि ये तीनों कृषि कानून कैसे किसानों को नुकसान पहुंचाएंगे.

कृषि कानून के तीन बड़े नुकसान

पहला, यह बाज़ार प्रणाली और मंडी सिस्टम को खत्म कर देगा
दूसरा, इसके चलते देश के 3-4 बड़े बिजनेसमैन जितना चाहे अनाज स्टोर कर सकेंगे, जिससे किसान प्रभावित होंगे.
तीसरा, ये कानून किसानों को कोर्ट का रास्ता अख्तियार करने का हक नहीं देता.

मोदी सरकार किसानों को मार रही है

राहुल गांधी ने कहा कि ये तीन बड़े नुकसान है इन कृषि कानूनों से. इसलिए किसान दिल्ली की सीमा पर  हैं, लेकिन सरकार उन्हें मार रही है. किसानों को मारकर सरकार देश को कमजोर कर रही है.

50 किसानों को लालकिले के अंदर किसने जाने दिया

गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा को लेकर भी राहुल गांधी ने बयान दिया. उन्होंने कहा कि 50 किसानों को लालकिले के अंदर किसने जाने दिया. क्या इसे रोकना गृहमंत्रालय का काम नहीं है. होम मिनिस्टर से पूछिए इसके पीछे क्या आइडिया था.प्रधानमंत्री पांच बिजनेस मैन के लिए काम करते है. नोटबंदी उनके लिए लाए, जीएसटी उनके लिए लाए, किसान कानून उनके लिए लाए. किसानों को पीछे हटने की जरूरत नहीं, हम उनकी पूरी मदद करेंगे. डटे रहें. पीएम मोदी को ये नहीं समझना चाहिए कि ये सब खत्म हो जाएगा. ये शहरों से गांवों में जाएगा.

राहुल गांधी ने किया था ये ट्वीट

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इससे पहले राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि PM हमारे किसान-मज़दूर पर वार करके भारत को कमज़ोर कर रहे हैं. फ़ायदा सिर्फ़ देश-विरोधी ताक़तों का होगा. इससे पहले भी उन्होंने ट्वीट करके मोदी सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को कमजोर कैसे करते हैं, ये सीखना हो तो कोई मोदी सरकार से सीखे.