यह केवल महाराष्ट्र के किसानों का मसला नहीं, पूरे देश के किसानों का मुद्दा है : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी

एएनआई के दिए बयान में राहुल गांधी ने आज महाराष्ट्र के किसानों के आंदोलन पर अपनी बात कही है.

यह केवल महाराष्ट्र के किसानों का मसला नहीं, पूरे देश के किसानों का मुद्दा है : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • महाराष्ट्र के किसान आंदोलनरत हैं
  • किसानों का मोर्चा मुंबई पहुंचा है
  • मांग न माने जाने पर विधानसभा को घेरने की धमकी
नई दिल्ली:

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के किसानों के मामले में बोलते हुए कहा कि यह केवल राज्य के किसानों का मसला नहीं है, यह मसला पूरे देश के किसानों का है. कांग्रेस पार्टी की ओर राहुल गांधी लंबे अर्से से किसानों के मुद्दों पर अपनी बात रखते रहे हैं. एएनआई के दिए बयान में राहुल गांधी ने आज महाराष्ट्र के किसानों के आंदोलन पर अपनी बात कही है. 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुंबई में किसानों के मार्च को लोगों की सत्ता की आश्चर्य में डाल देने वाली मिसाल करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से उनकी जायज मांगों को मांग लेने की आज अपील की. राहुल ने आज ट्वीट कर कहा, ‘‘मुंबई के लिए निकाला गया किसानों का विशाल मार्च लोगों की सत्ता का आश्चर्य देने वाली मिसाल है. कांग्रेस पार्टी केन्द्र एवं राज्य सरकारों की बेरूखी के खिलाफ किसानों एवं आदिवासियों के मार्च के साथ है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री (फडणवीस) से अपील करता हूं कि वे अहंकार पर नहीं अड़े तथा किसानों की जायज मांगों को पूरा किया जाए.’’ हजारों की संख्या में किसान एवं आदिवासियों का मार्च मुंबई पहुंचा है. इन किसानों को कांग्रेस सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है.

किसानों का रुख़ देखते हुए महाराष्ट्र सरकार भी ऐक्शन में आ गई है. किसानों की मांगों पर विचार के लिए फडणवीस सरकार ने एक कमेटी बनाई है, जिसमें छह मंत्री शामिल हैं. कमेटी में चंद्रकांत पाटिल, पांडुरंग फुडकर, गिरीश महाजन, विष्णु सवारा, सुभाष देशमुख और एकनाथ शिंदे शामिल हैं. इससे पहले किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने अपनी तरफ से कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन को किसानों से बातचीत करने भेजा था जिन्होंने किसानों को अश्वासन दिया कि सरकार उनकी मांगों को लेकर सकारात्मक है. 

आपको बता दें कि किसानों का मोर्चा आजाद मैदान पहुंच चुका है. इस महामोर्चा में 50 हजार किसान शामिल हैं. किसानों ने आज महाराष्ट्र विधानसभा का ऐलान किया है. इसके साथ ही महाराष्ट्र की राजनीति में भी हलचल मच गई है. मोर्चे के मुंबई पहुंचते ही कई राजनीतिक पार्टियों ने इस पदयात्रा का समर्थन भी किया.

गौरतलब है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के किसान मोर्चे अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) की अगुवाई में यह विरोध मार्च मंगलवार को नासिक से मुंबई के लिए रवाना हुआ था. हाथों में लाल झंडा थामे ये किसान ऑल इंडिया किसान सभा समेत तमाम संगठनों से जुड़े हैं. इस मार्च में किसानों के साथ खेतिहर मज़दूर और कई आदिवासी शामिल हैं. इनकी प्रमुख मांगों में कर्ज़माफी ले लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करना शामिल है. किसानों का कहना है कि फडणवीस सरकार ने पिछले साल किया 34000 करोड़ का कर्ज़ माफी का वादा अब तक पूरा नहीं किया है.


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