नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी के समर्थन में आए राहुल गांधी, कहा- अंधभक्तों को आप कभी नहीं समझा पाएंगे

NDTV से खास बातचीत में अभिजीत बनर्जी ने प्रोफेशनल तरीके से उन लोगों के साथ काम करने की बात पर जोर दिया था जिनकी नीतियों को लेकर अलग राय है.

नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी के समर्थन में आए राहुल गांधी, कहा- अंधभक्तों को आप कभी नहीं समझा पाएंगे

राहुल गांधी ने अभिजीत बनर्जी का किया समर्थन

खास बातें

  • राहुल गांधी ने अभिजीत बनर्जी के समर्थन में किया ट्वीट
  • कहा- आप से लाखों युवा प्रेरणा लेते हैं
  • अभिजीत बनर्जी को मिला है नोबेल पुरस्कार
नई दिल्ली:

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नोबेल पुरस्कार विजेत अभिजीत बनर्जी के समर्थन में आए हैं. उन्होंने अभिजीत बनर्जी के समर्थन में एक ट्वीट भी किया. जिसमें राहुल गांधी ने कहा कि प्रिय बनर्जी, आप घृणा से भरे इन अंधभक्तों को दशकों के प्रयास के बाद भी प्रोशनल होना क्या होता यह नहीं सिखा सकते. आप इस बात को लेकर आश्वस्त रहें कि लाखों  भारतीय आपके काम की वजह से खुदको गर्वांवित महसूस करते हैं. बता दें कि NDTV से खास बातचीत में अभिजीत बनर्जी ने प्रोफेशनल तरीके से उन लोगों के साथ काम करने की बात पर जोर दिया था जिनकी नीतियों को लेकर अलग राय है. उन्होंने NDTV से कहा था कि मैं अपनी आर्थिक सोच में पक्षपात नहीं करता. हम राज्य सरकारों के किसी नंबर के साथ काम करते हैं जिनमें से कई बीजेपी (BJP) की सरकारें हैं. हमने गुजरात पॉल्यूशन(कंट्रोल) बोर्ड के साथ काम किया, उस समय गुजरात पीएम मोदी (PM Modi) के हाथ में था. हमारा यह अनुभव बेहद शानदार था. मैं कहूंगा कि वे सबूतों के साथ जुड़ने के लिए तैयार थे और उन्होंने उस अनुभव के साथ नीतियों को लागू किया.

लोकसभा चुनावों के दौरान बनर्जी ने कांग्रेस की न्याय योजना को तैयार करने में सहायता प्रदान की थी. इस स्कीम के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीने वाले 20 फीसदी परिवारों को सालाना 72 हजार रुपए देने का वादा किया गया था. बनर्जी ने कहा था कि अगर कांग्रेस की तरह बीजेपी सरकार हमसे पूछती कि एक विशेष आय के तहत लोगों की संख्या क्या थी तो क्या मैंने उन्हें सच नहीं बताया होगा? मैंने उन्हें एक दम सही चीजें बताईं. मैं उतना ही तैयार होता. मैं सभी के साथ प्रोफेशनल रहना चाहता हूं.'  

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बनर्जी ने कहा था कि हम ऐसे स्पेशलिस्ट हैं, जिनके पास कहने के लिए कुछ स्पेशल है. हमें किसी भी राज्य में काम करने में कोई समस्या नहीं है. हम गंभीरता और समस्याओं को हल करने की इच्छा को महत्व देते हैं.बता दें कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को पुणे में संवाददाताओं से कहा था कि मैं अभिजीत बनर्जी को नोबेल पुरस्कार जीतने की बधाई देता हूं. आप सभी जानते हैं कि उनकी सोच पूरी तरह वाम की ओर झुकाव वाली है. भाजपा नेता ने कहा था कि बनर्जी ने कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित 'न्याय' योजना का समर्थन किया और भारत की जनता ने उनकी सोच को नकार दिया.

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वहीं, बनर्जी ने एनडीटीवी से कहा था कि संस्थान दम तोड़ रहे हैं. यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलाइंस के आखिरी दिनों में सभी संस्थान आक्रामक थे. लंबे समय में यह शायद एक अच्छा विचार था, लेकिन थोड़े समय में बहुत सारे व्यवसायी लोग इसे लेकर परेशान थे. अब क्या होता है कि ये संस्थान मौजूद हैं, लेकिन वे अब निर्णय नहीं लेते हैं.' गौरतलब है कि इस साल अर्थव्‍यवस्‍था का नोबेल पुरस्‍कार भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी, उनकी फ्रेंच-अमेरिकन पत्‍नी एस्थर डुफलो और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर माइकल क्रेमर को दिया गया है. 

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